0दरकार शोहरत और दौलत की Posted on January 14, 2021 by techiहर किसी को दरकार है शोहरत और दौलत की, कमाया किस तरह जाए बहुतों को मालूम नहीं।~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’ Share ThisRelated posts:परेशान करना मेरी फ़ितरत नहीं इंसान पर बेहतरीन पंक्तिया 100% true lines on paisa, rishte अब तो मन भी रेगिस्तान जैसा बिना सोचे किसी पर ऐतबार न कर यह सच्चा प्रेम है, कोई बेवफ़ाई नहीं मेरी मजबूरी को समझो मैं गुनाहगार नहीं