0हिस्सों में बट चुका है किरदार मेरा Posted on November 24, 2021 by techiकभी मुख्तसर खुशी कभी इंतहा ए ग़म हूं मैं कभी ज़ख्मों की वजह तो कभी मरहम हूं मैं इतने हिस्सों में बट चुका है किरदार मेरा की आजकल मैं थोड़ा कम हूं मैं ।। ~ निर्मल Share ThisRelated posts:चंचल मन मेरा गर नजरो ने तेरी यूँ गिराया ना होता बहुत रोता हैं ये दिल मेरा मैं हिन्दुस्तान का हूँ और हिन्दुस्तान मेरा है। तेरा साथ पाकर मेरा हर लम्हा खूबसूरत यूँ तेरा मेरा साथ हो कैद है मेरा प्यार इन दीवारो के पीछे