दिन गुजर जाते हैं, और हसरते रह जाती हैं..
यार हो जाते हैं जुदा, और आहठे रह जाती हैं
वफाये बिकती हैं यहाँ, नीलाम होते हैं वादे
घर की देहलीज़ पर बस उल्फ़ते रह जाती हैं
प्यार के नाम पर करते हैं फरेब, कुछ लोग
मोहब्बते मिट जाती हैं, नफरते रह जाती हैं
बिछड़ के भी नहीं जाती महक प्यार की कभी
कसक दिल में, बिस्तर में सलवटे रह जाती हैं
ज़िन्दगी से रूठ जाती हैं हर ख़ुशी
उम्र भर बेचैनी भरी कुछ करवटे रह जाती हैं|
Such hai
Bhaijan romantic shayri v kv bhej dya kre to kya bat hgi apk followers me sv k dl tute hue v nhi h yaar
very super
Vry nice line….