0तुम मेरी सरगम बनो और मैं संगीत Posted on October 4, 2020 by techiतुम मेरी लय बनो और मैं तेरा गीत बनूं , तुम मेरी प्रीत बनो और मैं तेरा मीत बनूं । दुख की बरसात हो या खुशियों की बेला, तुम मेरी सरगम बनो और मैं संगीत बनूं। ~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’ Share ThisRelated posts:मेरी मजबूरी को समझो मैं गुनाहगार नहीं आज उनसे फिर मुलाकात हुई ज़िंदगी का कारवां यूं ही चलता गया तेरा साथ पाकर मेरा हर लम्हा खूबसूरत मेरी क्रिसमस मैसेज इन हिंदी प्यार के गीत गाते रहो | जोश और उमंग से भरी कविता माँ तुझसे ये दुनिया मेरी, तुझसे ही जीवन, माँ पर कविता