1बनो इंसान पहले, छोड़ कर बात मज़हब की Posted on April 21, 2018 by adminलुटेरा है अगर आज़ाद तो अपमान सबका है लुटी है एक बेटी, तो लुटा सम्मान सबका है. बनो इंसान पहले छोड़ कर तुम बात मज़हब की लड़ो मिलकर दरिंदो से ये हिन्दोस्तान सबका हैं~ Justice for AsifaShare ThisRelated posts:Motivational Shayari about Ram Aur Rehman True lines for pahla pyar रुकावटें तो सिर्फ ज़िंदा इंसान के लिए आतंकवाद आज भी ज़िंदा रिश्ते स्वार्थी, दोस्ती बदनाम, प्यार दिखावा, सबके मायने बदल गए Motivating Being Human Poem for Indians Maa to jannat ka phool hai | Short Maa Shayari
i support asifa