15 Superb Ek Saccha Hindustani Vatan ki Shaan Shayari Posted on August 13, 2017 by techi मुकम्मल है इबादत और मैं वतन ईमान रखता हूँ, वतन के शान की खातिर हथेली पे जान रखता हूँ !! क्यु पढ़ते हो मेरी आँखों में नक्शा पाकिस्तान का , मुस्लमान हूँ मैं सच्चा, दिल में हिंदुस्तान रखता हूँ !! हिंदुस्तान ज़िंदाबाद, जय हिन्द, जय भारत Share This Related posts: Cute & Caring Love Poetry for Girlfriend Ehsaaso Se Bhari Mohabbat Ki Shayari Beautiful 15 August Independence Day Poems in Hindi Narendra Modi Shayari in Hindi | Modi Sms For Hindustani Cute Romantic Shayari about True Love Heart Touching Emotional Love Shayari for Him Love at first sight Shayari
बेबस हूँ बिखरी हूँ उलझी हूँ सत्ता के जालो में, एक दिवस को छोड़ बरस भर बंद रही हूँ तालों में, बस केवल पंद्रह अगस्त को मुस्काने की आदी हूँ, लालकिले से चीख रही मैं भारत की आज़ादी हूँ, जन्म हुआ सन सैतालिस में,बचपन मेरा बाँट दिया, मेरे ही अपनों ने मेरा दायाँ बाजू काट दिया, जब मेरे पोषण के दिन थे तब मुझको कंगाल किया मस्तक पर तलवार चला दी,और अलग बंगाल किया मुझको जीवनदान दिया था लाल बहादुर नाहर ने, वर्ना मुझको मार दिया था जिन्ना और जवाहर ने, मैंने अपना यौवन काटा था काँटों की सेजों पर, और बहुत नीलाम हुयी हूँ ताशकंद की मेजों पर, नरम सुपाड़ी बनी रही मैं,कटती रही सरौतों से, मेरी अस्मत बहुत लुटी है उन शिमला समझौतों से, मुझको सौ सौ बार डसा है,कायर दहशतगर्दी ने, सदा झुकायीं मेरी नज़रे,दिल्ली की नामर्दी ने, मेरा नाता टूट चूका है,पायल कंगन रोली से, छलनी पड़ा हुआ है सीना नक्सलियों की गोली से, तीन रंग की मेरी चूनर रोज़ जलायी जाती है, मुझको नंगा करके मुझमे आग लगाई जाती है मेरी चमड़ी तक बेची है मेरे राजदुलारों ने, मुझको ही अँधा कर डाला मेरे श्रवण कुमारों ने उजड़ चुकी हूँ बिना रंग के फगवा जैसी दिखती हूँ, भारत तो ज़िंदा है पर मैं विधवा जैसी दिखती हूँ, मेरे सारे ज़ख्मों पर ये नमक लगाने आये हैं, लालकिले पर एक दिवस का जश्न मनाने आये हैं जो मुझसे हो लूट चुके वो पाई पाई कब दोगे, मैं कब से बीमार पड़ी हूँ मुझे दवाई कब दोगे, सत्य न्याय ईमान धरम का पहले उचित प्रबंध करो,। तब लालकिले पर जश्न का प्रबंध करो,।। ।भारत माता की पुकार
mast bhara ye alam almast si fijaye he tum he Mubarak ho har swatntradivas mere dial ki ye duvaye he.
बेबस हूँ बिखरी हूँ उलझी हूँ सत्ता के जालो में, एक दिवस को छोड़ बरस भर बंद रही हूँ तालों में, बस केवल पंद्रह अगस्त को मुस्काने की आदी हूँ, लालकिले से चीख रही मैं भारत की आज़ादी हूँ, जन्म हुआ सन सैतालिस में,बचपन मेरा बाँट दिया, मेरे ही अपनों ने मेरा दायाँ बाजू काट दिया, जब मेरे पोषण के दिन थे तब मुझको कंगाल किया मस्तक पर तलवार चला दी,और अलग बंगाल किया मुझको जीवनदान दिया था लाल बहादुर नाहर ने, वर्ना मुझको मार दिया था जिन्ना और जवाहर ने, मैंने अपना यौवन काटा था काँटों की सेजों पर, और बहुत नीलाम हुयी हूँ ताशकंद की मेजों पर, नरम सुपाड़ी बनी रही मैं,कटती रही सरौतों से, मेरी अस्मत बहुत लुटी है उन शिमला समझौतों से, मुझको सौ सौ बार डसा है,कायर दहशतगर्दी ने, सदा झुकायीं मेरी नज़रे,दिल्ली की नामर्दी ने, मेरा नाता टूट चूका है,पायल कंगन रोली से, छलनी पड़ा हुआ है सीना नक्सलियों की गोली से, तीन रंग की मेरी चूनर रोज़ जलायी जाती है, मुझको नंगा करके मुझमे आग लगाई जाती है मेरी चमड़ी तक बेची है मेरे राजदुलारों ने, मुझको ही अँधा कर डाला मेरे श्रवण कुमारों ने उजड़ चुकी हूँ बिना रंग के फगवा जैसी दिखती हूँ, भारत तो ज़िंदा है पर मैं विधवा जैसी दिखती हूँ, मेरे सारे ज़ख्मों पर ये नमक लगाने आये हैं, लालकिले पर एक दिवस का जश्न मनाने आये हैं जो मुझसे हो लूट चुके वो पाई पाई कब दोगे, मैं कब से बीमार पड़ी हूँ मुझे दवाई कब दोगे, सत्य न्याय ईमान धरम का पहले उचित प्रबंध करो,। तब लालकिले पर जश्न का प्रबंध करो,।। ।भारत माता की पुकार।
मैं मर जाऊँ तो सिर्फ मेरी इतनी पहचान लिख देना, मेरे खून से मेरे माथे पर “जन्मस्थान ” लिख देना, कोई पूछे तुमसे जन्न्त के बारे में तो एक कागज के टुकड़े में “हिन्दुस्तान” लिख देना, ना दौलत पर गर्व करते है, ना शोहरत पर गर्व करते है, किया ख़ुदा ने हिन्दुस्तान मे पैदा, इसलिये अपनी किस्मत पर गर्व करते है…… मेरी नज़रों को ऐसी खुदाई दे जिधर भी देखूँ मेरा वतन दिखाई दे हवा की हो कुछ ऐसी मेहरबानियाँ बोलू जो जय हिन्द तो सारे देश में सुनाई दे। “”” जय हिन्द “”‘
बेबस हूँ बिखरी हूँ उलझी हूँ सत्ता के जालो में,
एक दिवस को छोड़ बरस भर बंद रही हूँ तालों में,
बस केवल पंद्रह अगस्त को मुस्काने की आदी हूँ,
लालकिले से चीख रही मैं भारत की आज़ादी हूँ,
जन्म हुआ सन सैतालिस में,बचपन मेरा बाँट दिया,
मेरे ही अपनों ने मेरा दायाँ बाजू काट दिया,
जब मेरे पोषण के दिन थे तब मुझको कंगाल किया
मस्तक पर तलवार चला दी,और अलग बंगाल किया
मुझको जीवनदान दिया था लाल बहादुर नाहर ने,
वर्ना मुझको मार दिया था जिन्ना और जवाहर ने,
मैंने अपना यौवन काटा था काँटों की सेजों पर,
और बहुत नीलाम हुयी हूँ ताशकंद की मेजों पर,
नरम सुपाड़ी बनी रही मैं,कटती रही सरौतों से,
मेरी अस्मत बहुत लुटी है उन शिमला समझौतों से,
मुझको सौ सौ बार डसा है,कायर दहशतगर्दी ने,
सदा झुकायीं मेरी नज़रे,दिल्ली की नामर्दी ने,
मेरा नाता टूट चूका है,पायल कंगन रोली से,
छलनी पड़ा हुआ है सीना नक्सलियों की गोली से,
तीन रंग की मेरी चूनर रोज़ जलायी जाती है,
मुझको नंगा करके मुझमे आग लगाई जाती है
मेरी चमड़ी तक बेची है मेरे राजदुलारों ने,
मुझको ही अँधा कर डाला मेरे श्रवण कुमारों ने
उजड़ चुकी हूँ बिना रंग के फगवा जैसी दिखती हूँ,
भारत तो ज़िंदा है पर मैं विधवा जैसी दिखती हूँ,
मेरे सारे ज़ख्मों पर ये नमक लगाने आये हैं,
लालकिले पर एक दिवस का जश्न मनाने आये हैं
जो मुझसे हो लूट चुके वो पाई पाई कब दोगे,
मैं कब से बीमार पड़ी हूँ मुझे दवाई कब दोगे,
सत्य न्याय ईमान धरम का पहले उचित प्रबंध करो,।
तब लालकिले पर जश्न का प्रबंध करो,।।
।भारत माता की पुकार
na najre yad rkhana,na slamt yad rakhana,lekin Apne otan ka nam yad rkhana
Happy inpendence day
jai hind
mast bhara ye alam
almast si fijaye he
tum he Mubarak ho har swatntradivas
mere dial ki ye duvaye he.
very nice & truth
Jay hind
बेबस हूँ बिखरी हूँ उलझी हूँ सत्ता के जालो में,
एक दिवस को छोड़ बरस भर बंद रही हूँ तालों में,
बस केवल पंद्रह अगस्त को मुस्काने की आदी हूँ,
लालकिले से चीख रही मैं भारत की आज़ादी हूँ,
जन्म हुआ सन सैतालिस में,बचपन मेरा बाँट दिया,
मेरे ही अपनों ने मेरा दायाँ बाजू काट दिया,
जब मेरे पोषण के दिन थे तब मुझको कंगाल किया
मस्तक पर तलवार चला दी,और अलग बंगाल किया
मुझको जीवनदान दिया था लाल बहादुर नाहर ने,
वर्ना मुझको मार दिया था जिन्ना और जवाहर ने,
मैंने अपना यौवन काटा था काँटों की सेजों पर,
और बहुत नीलाम हुयी हूँ ताशकंद की मेजों पर,
नरम सुपाड़ी बनी रही मैं,कटती रही सरौतों से,
मेरी अस्मत बहुत लुटी है उन शिमला समझौतों से,
मुझको सौ सौ बार डसा है,कायर दहशतगर्दी ने,
सदा झुकायीं मेरी नज़रे,दिल्ली की नामर्दी ने,
मेरा नाता टूट चूका है,पायल कंगन रोली से,
छलनी पड़ा हुआ है सीना नक्सलियों की गोली से,
तीन रंग की मेरी चूनर रोज़ जलायी जाती है,
मुझको नंगा करके मुझमे आग लगाई जाती है
मेरी चमड़ी तक बेची है मेरे राजदुलारों ने,
मुझको ही अँधा कर डाला मेरे श्रवण कुमारों ने
उजड़ चुकी हूँ बिना रंग के फगवा जैसी दिखती हूँ,
भारत तो ज़िंदा है पर मैं विधवा जैसी दिखती हूँ,
मेरे सारे ज़ख्मों पर ये नमक लगाने आये हैं,
लालकिले पर एक दिवस का जश्न मनाने आये हैं
जो मुझसे हो लूट चुके वो पाई पाई कब दोगे,
मैं कब से बीमार पड़ी हूँ मुझे दवाई कब दोगे,
सत्य न्याय ईमान धरम का पहले उचित प्रबंध करो,।
तब लालकिले पर जश्न का प्रबंध करो,।।
।भारत माता की पुकार।
मैं मर जाऊँ तो सिर्फ मेरी इतनी पहचान लिख देना,
मेरे खून से मेरे माथे पर “जन्मस्थान ” लिख देना,
कोई पूछे तुमसे जन्न्त के बारे में तो एक कागज के टुकड़े में “हिन्दुस्तान” लिख देना,
ना दौलत पर गर्व करते है,
ना शोहरत पर गर्व करते है,
किया ख़ुदा ने हिन्दुस्तान मे पैदा,
इसलिये अपनी किस्मत पर गर्व करते है……
मेरी नज़रों को ऐसी खुदाई दे
जिधर भी देखूँ मेरा वतन दिखाई दे
हवा की हो कुछ ऐसी मेहरबानियाँ
बोलू जो जय हिन्द तो सारे देश में सुनाई दे।
“”” जय हिन्द “”‘
Nice
Nice
really very nice
nice nice verry verry
Very good shayri
Very nice