0कामयाबी के फ़िक्र में ज़िन्दगी Posted on May 7, 2020 by techi अब पहले जैसी ना रही ज़िंदगी बस सोचते सोचते गुज़र रही है, मौज तो बचपन में थी यारों अब तो कामयाबी के फ़िकरों में निकल रही है। ~ Nitish Dutt Share ThisRelated posts:ज़िन्दगी पर दुःख भरी शायरी हर कोई खेल रहा हैं, सत्य ज़िन्दगी स्टेटस ज़िन्दगी की हक़ीक़त दुखो के बोझ में ज़िन्दगी प्यार करता हु इसलिए फ़िक्र करता हूँ ज़िन्दगी और मौत का फर्क यादें, बिखरी ज़िन्दगी और दीवारों पर स्टेटस