0 ख़्वाहिशों को भी पालना सीखिए Posted on November 16, 2020 by techi ख़्वाहिशों को भी पालना सीखिए, एक दिन मुकाम मिलेगा ज़रूर..। ~ जितेंद्र मिश्र ‘बरसाने’ Share This Related posts: सफ़लता में खनक ख्वाहिशों की उम्मीद में फिर से जीना सीख गई आंसू दुःख के हैं और खुशियों के प्यार भी है और तकरार भी मां के आशीर्वाद का अहसास 100% true lines on paisa, rishte ‘मां’ हम सबको संवारती है