0 भाग्य का दस्तूर Posted on September 7, 2020 by techi “यह भाग्य है या, दुनिया का दस्तूर है। जो जिसको प्यारा है, वह उससे दूर है।” ~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’ Share This Related posts: 100% true lines on paisa, rishte निःस्वार्थ प्रेम और सच्चे रिश्तों का सिलसिला ज़िंदगी का कारवां यूं ही चलता गया Sacchi baat ruthe huye insaan ki फ़ंसा आदमी माया में प्रेरणादायक शायरी अनुभव पर कोरोना महामारी का बुरा दौर थम जाएगा