0 आंसू दुःख के हैं और खुशियों के Posted on October 31, 2020 by techi आंसू दुःख के हैं और खुशियों के भी, कब कौन सा छलक जाए ईश्वर जानें। ~ जितेंद्र मिश्र ‘बरसाने’ Share This Related posts: सफ़लता में खनक आंसू और मुस्कुराहट का फर्क झूठी शानोशौकत और दिखावा करने वालो पर 4 पंक्तिया तुम मेरी सरगम बनो और मैं संगीत दुःख, दर्द, उदासी से हर दिल महरूम रहे | हैप्पी दिवाली 100% true lines on paisa, rishte प्यार के गीत गाते रहो | जोश और उमंग से भरी कविता