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ख़ुदा करें हालात मेरे इस क़दर न हो
बात मैं करूं तो बात में असर न हो
ग़म है के आलम है मेरे जिंदगानी का
ज़ख़्म आए मुझे पर उसे ख़बर न हो
बात कही जाए पर न जाए लबों से
है यक़ीं के पता उसे कुछ मगर न हो
माना के राह-ए-इश्क़ में कांटें है गिरे
नसीब मुझे ऐ ख़ुदा ऐसी डगर न हो
मरीज़ हूं मैं दिल का, मरीज़ ही रहूं
इलाज के लिए ही कोई चारागर न हो
मैं जानता हूं उसका दिल तो है कांच का
तोड़ना चाहूं तो हाथ में पत्थर न हो
दुनिया से जुड़ा है रंज-ओ-गम का वास्ता
इस दुनिया में दूर तक मेरी नज़र न हो
इक उम्र गुज़ारी है मुहब्बत में ‘ज़ाफ़िर’
मुश्किलें रहें पर इश्क़ का सफ़र न हो
~ Rohan Gangurde
कभी मुख्तसर खुशी कभी इंतहा ए ग़म हूं मैं
कभी ज़ख्मों की वजह तो कभी मरहम हूं मैं
इतने हिस्सों में बट चुका है किरदार मेरा
की आजकल मैं थोड़ा कम हूं मैं ।।
~ निर्मल
अधुरे ज़ज्बात, अधुरे लफ़्ज और अधुरी बात
अभी तो कितने ही सवाल मेरे यार बाकी हैं
अधुरी यादें, अधुरे ख्वाब और ये आधी रात
अब और क्या क्या सितम मेरे यार बाकी हैं
~ लीलाधर गोस्वामी
प्यार की थपकी देकर सुलाया है,
जब रोऊ छुप-छुप कर तूने गले लगाया है,
किसी की बुरी नजर का डर नहीं मुझे,
क्योंकि जब भी देखा तो सर पर तेरा हाथ पाया है।।
~ Pramod Kumar
इतनी सी है जिंदगी कदर कर प्यारे
कल तो सबको जाना ही है सब्र कर प्यारे
दो पल की है जिंदगी जी तो ले पहले
वहीं मोड पे जाना है गुजर कर प्यारे
~ शालू बनकर
हाल अपना सुनाएं हम कैसे उन्हें,
वो तो ग़ैरों की महफ़िल में रमे जा रहे।
एक नज़र भी ना देखें वो मेरी तरफ़,
बेरुखी से हम उनकी मरे जा रहे।।
~ महेश ओझा (Mahesh Ojha)
कुछ ऐसे भी लोग होते हैं
जिनके मरने पे सब चैन से सोते हैं
कुछ ऐसे भी लोग होते हैं
जिनके मरने पे बादल भी रोते हैं
~ सुभम
ये रस्ते इतने आसान भी नहीं है…..,
घर की तितलियों को छोड़ना पड़ता है
इन ख्वाबो के परिंदों के पीछे भागते भागते
~ Ashish Singh
दोस्ती….
कभी-कभी तू मुझमे उलझ-सी जाती है
कभी – कभी तू गुस्सा हो जाती है
पर तुझमे उलझ कर ही तो….
मैं सुलझी हू तेरे गुस्से मे भी प्यार है
ऐ! दोस्त तेरे ऐसे एहसानो की भरमार है
तभी तो मेरे जीवन मे खुशीयो की बहार है।
– Anjali Kachhwaha
कहीं अंधेरा, कहीं उजाला
कहीं धुप, कहीं छांव हैं।
कहीं अमीरी तो कहीं नंगे पांव हैं।
इस सृष्टि का खेल अनजाना,
कहीं रूठना तो कहीं मनाना,
कहीं हँसना तो कहीं हंसाना।
चली आ रही सदा से ये रीत,
कहीं शिक्षा सही तो कहीं गलत सीख।
खुशियाँ हैं अपार कहीं,
तो कहीं गमों की झार हैं।
यही तो संसार हैं,
यही तो संसार हैं।
~ Yograj Jangir Bagora
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