0

Karte hain hum yaad unhe

Karte hain hum yaad unhe jo karte the hume yaad kabhi
Fariyaad kisi ki karte hai jisne ki mohabbat humse kabhi

 

~ Ravisha.D

 


 

करते हैं हम याद उन्हें…………, जो करते थे हमे याद कभी
फरियाद किसी की करते हैं जिसने की मोहब्बत हमसे कभी

~ रविशा

 

Share This
2

मोहब्बत के रंग, प्रेम-प्रीत का सबक है होली

Dost Dushman Rang Prem Shayari on Holi

 

मोहब्बत के रंग लगाती है होली |
ऊँच नीच, निर्बल सबको गले लगाती है होली |
दोस्त बनकर दुश्मन को रंग देती है,
प्रेम-प्रीत का सबक पढ़ाती है होली |

~ अब्दुल रहमान अंसारी (रहमान काका)

 

Share This
0

वक्त मिले तो खूद से भी मिल लेना

वक्त मिले तो खुद से भी मिल लेना!
अपने चहरे को दिल के आईने मे देख लेना!!
प्यार खुद से भी होगा तुम करके तो देखना!
वक्त मिले तो खुद से भी मिल लेना!!!!!

 

~ Manish

 

Share This
0

लिखने बैठा पन्नों पे एहसास और बन गयी तेरी तस्वीर

शब – ए – फुरकत भी ख़्वाबो की ताबीर बना दी
वो कौन था जिसने मिरी बिगड़ी तकदीर बना दी
मैं लिखने बैठा था पन्नो पे एहसास ऐ – ज़िन्दगी
और मेरे इस कम्भख्त दिल ने तेरी तस्वीर बना दी

 

~ Shayar Karan

 

 

Share This
0

ज़िंदगी के हर मोड़ में तू ही हमसफ़र

तु उड़ती है सपनो में, जब मैं नींद मैं खोता हूँ
मेरे दिल की धड़कन भी, मैं तुझमे ही सुनता हूँ
बिजली की आहट जैसी है तू, मैं पानी जैसे बरसता हूँ
ज़िंदगी के हर मोड़ में, अब मैं तुझको हमसफ़र चाहता हूँ

~ Abhishek panigrahi

 

Share This
0

तेरा मुझसे दूर जाना मेरी जान निकाल देता है

यूं तेरा आना मेरी धड़कने बढ़ा देता है ।
यूं तेरा मुस्कुराना मेरी सांसे अटका देता है ।।
तेरा शर्मीली निगाहों से देखना मुझे तिलमिला देता है
यूं तेरा मुझसे दूर जाना मेरी जान निकाल देता है ।।

 

~ Ashutosh dangi

 

Share This
0

ज़िन्दगी का हर दिन है बहार

खूबसूरत बहुत है दुनिया, नज़रिया बदल के तो देख एक बार।
रोने के होंगे सौ कारण बेशक, पर तू हंसने के कारण तो ढूंढ यार।
कभी वक्त बिता अपने साथ भी, कभी किसी की खुशी पर कर दिल निसार।
उमंग जब है तेरे मन में तो, इस ज़िन्दगी का हर दिन है बहार।

 

~ Mahira

 

Share This
0

हमसफ़र साथ अपना तो हर मुश्किल आसान

रास्ते कठिन कितने भी क्यों ना हो
मंजिल हमे पास लगने लगती हैं
गर हो हमसफ़र साथ अपना तो
हर मुश्किल आसान लगने लगती है

 

~ करन विश्वकर्मा

 

Share This
0

दर्द भरे अलफ़ाज़ | परदा गिरे तो सच से रूबरू होंगे हम

उसे जाते हुए देखता हूँ और आवाज़ नहीं करता,
अब मैं किसी को बार-बार नाराज़ नहीं करता।

परदा गिरे तो सच से रूबरू होंगे हम,
यूँ तो उन चहरों पर परदा भी नाज़ नहीं करता।

तुझे निकालना है तो बेझिझक निकाल दे अपनी महफिल से,
वक्त खराब हो तो कोई अपना भी ऐतराज़ नहीं करता।

क़्तल-ए-आफ़्ताब सर-ए-बाज़ार होना कौन सी बड़ी बात है अब,
कमबख्त अँधेरों से अच्छा तो कोई साज़-बाज़ नहीं करता।

तेरी फ़रेब-ए-सादगी से तेरे किरदार का पता चलता है,
पीठ में खंजर उतारने की गुस्ताखी कोई जाँबाज़ नहीं करता।

~ Shubham Singh

 

Share This
0

करीब होकर भी दूर

अगर वो कहता है तुम्हें बदलने को,
तो वो तुम्हें नहीं तुम्हारे बदले रूप को चाहता है,
होकर भी करीब तुम्हारे, वो तुम्हें अधूरा ही जान पाता है

 

~ Meri Pehchan

 

Share This