चला जो मैं अपनों के खिलाफ, तो उनके एहसान बीच में आ गए और की जो कुछ ख्वाइश मैंने, अपनों के अरमान बीच में आ गए सच – झूठ को जो तोल के देखा, तो सोचा की सच का साथ दू, पर मेरे अपनों के झूठ को बचाने, भगवान (संस्कार) बीच में आ गए
कभी बुरा मत कहना उस इंसान को अरे तुम्हे खबर तक नही होती और वो पिता अपना सबकुछ तुम्हारे लिए कुर्बान कर देता है…
तुम्हारी ख्वाहिशो को पुरा करने के लिए वो दुनिया से लड़ जाता है… कदर करो उस पिता की अरे वो तुम्हारे सपनो को पुरा करने के लिए अपनी निन्दा तक को भुल जाता है…!!!