तेरी एक मुस्कराहट से ये पूरी दुनिया सज जाए,
तू जब बोले तो मेरे कानो में शहनाई बज जाए |
जब से तू आयी है मेरी जिन्दगी में,
कसम से आईना भी देखने से डरता हू कि
कहीं इन खुशियों को मेरी ही नजर ना लग जाये
पहले इश्क़ करने को जमाना चाहिये था,
तुम मिली तो सब पुराना चाहिये था।
कैद है मेरा प्यार इन दीवारो के पीछे,
रिहा करने को दोस्तना चाहिये था।
मिल्कियत बनायी है मेहनत से मैने,
एक घर खड़ा करने को तुम्हे ज़माना चाहिये था।
सुना है काफी दिन से चुप हूँ मै,
मुहँ खुल्वाने को तुम्हे हँसाना चाहिये था।
लफ्ज़ कम नही होती इश्क़ मे कभी भी,
तुम्हे बस एक बार बताना चाहिये था।
महफ़ूज रहा हर आँसु पलको पर,
अब रोने को बस एक अफसाना चाहिये था।
इश्क़ लफ़्ज़ों से आंखो में उतर आया है
जब हमें उसका आखरी खत आया है
खत में आंसू के निशान थे जहां-जहां
वहां-वहां शब्द-ए-वफा आया है
ये हाल है अब तो कि दस्तक
कोई भी दरवाज़े पे दे तो लगता है तु आया है