0

ख्वाब सजाने की फितरत थी हमको

 

Kisi se prem ki chaah thi humko
Kisi se jeene ki umeed thi humko
Vo mere jisme e jigar ko kyon rula gaya
Jis se saare khwab sajane ki fitrat thi humko

 

~ Abhi raja Farrukhabadi

 


 

किसी से प्रेम की चाह थी हमको
किसी से जीने की उम्मीद थी हमको
वो मेरे जिस्म ए जिगर को क्यों रुला गया
जिससे सारे ख्वाब सजाने की फितरत थी हमको।।।

 

~ अभी राजा फर्रुखाबादी

 

Share This
0

खुद को अपनाना भूल गए हम

Zindagi ki uljhano me itna ulajh gye hum….!
Dusro ko apna kahte-kahte……..!
Khud ko apnana bhul gye hum………!!!!

~ Smiruchika

 


 

जिंदगी की उलझनों में इतना उलझ गए हम….!
दुसरो को अपना कहते-कहते……..!
खुद को अपनाना भूल गए हम….

~ समिरुचिका

 

Share This
0

अब कोई नजर मिलाने वाला नही है

Iss barbaad jindagi ko koi
Samajhne wala nahi hai
Thokar khakar gire hain pyar me
Koyi uthaane wala nahi hain
Humne socha tha kabi vo fir yaad karange hume
Lekin ab koyi nazar milane wala nahi hain

~ Adarsh kumar

 


 

इस बर्बाद जिन्दगी को कोई
समझने वाला नही है,
ठोकर खाकर गिरे है, प्यार में
कोई उठाने वाला नही है..!
हमने सोंचा था, कभी वो फिर याद करेंगे हमे
लेकिन अब कोई नजर मिलाने वाला नही है..

~ आदर्श कुमार

 

Share This
0

प्यार का इज़हार नहीं होता

दीदार का इंतज़ार करते हैं, दीदार नहीं होता !!
प्यार करते हैं पर ……इज़हार नहीं होता !!
बताना चाहते हैं कितनी मोहब्बत हैं तुमसे !!
पर तुम्हारे सामने आते ही ज़ुबान से इकरार नहीं होता !!

 

~ रत्नेश मिश्रा

 


 

Deedar ka intezaar karte hain, Deedar nahi hota
Pyar karten hain par izhaar nahi hota….
Batana chahate hain kitni mohabbat hai tumse
Par tumhare samne aate hi jubaan se ikraar nahi hota

 

~ Ratnesh Mishra

 

Share This
0

Zindagi Ki Haqiqat

Zindagi ke falsafe niraale hain
Jo baya na ho woh afsane hain
Door se mohabbat ka izhaar kya
Rubaroo jo hain wahi apne hain
Kahne ko duniya mein dost bahut hain
Jo ankahi baatein samjhe wahi to sache hain
Muskilo ka hans kar samna jo karte hain
Bebaak zindagi ka rutba sar ankho pe rakhte h

~ Dr. Nimita Srivastava Nimkar

 


 

जिंदगी के फलसफे निराले हैं
जो बया ना हो वो अफसाने हैं
दूर से मोहब्बत का इजहार क्या
रूबरू जो है वही अपने हैं
कहने को दुनिया में दोस्त बहुत हैं
जो अनकही बातें समझे वही तो सच्चे हैं
मुश्किल का हंस कर सामना जो करते हैं
बेबाक जिंदगी का रुतबा सर आंखों पर रखते हैं

~ डॉ. निमिता श्रीवास्तव निमकर

 

Share This
0

हर बार जिसे देख के मन खो जाए

Subah ke sooraj ki pyaari dhoop ho tum,
Dil jiske chkkar lagaye woh loop ho tum…
Har baar jise dekh ke man kho jaye,
Pariyon ka wahi insaani roop ho tum…

~ Pranav

 


 

सुबह के सूरज की प्यारी धुप हो तुम
दिल जिसके चक्कर लगाए वो लूप हो तुम
हर बार जिसे देख के मन खो जाए
परियों का वही इंसानी रूप हो तुम

~ प्रणव

 

Share This
0

Today’s Youth Life Reality | Sad But Truth

Milo Ka Safar Kar Rahe Hai
या वहीं खड़े हैं….. पता नहीं

Palke Jhukake Baithe Hai
या दौड रहें हैं कुछ पाने को… पता नहीं

So To Rahe Hai Har Roj
लेकिन क्या नींद आ रही है… पता नहीं

Bahar Se Dekho To Chamak Rahe Hai
लेकिन अंदर के अंधेरे की गहराई का… पता नहीं

Chehro Pe Hasi Fuhar Hai
लेकिन दिल किस कदर उदास है… पता नहीं

Kaam To Kar Rahe Hai Magar
खोए खोए से रहते हैं क्यौं….. पता नहीं

 

~ Gaurav Baldwa

 

Share This
0

मैं इतना अकेला हूं कि जीना भूल गया हूँ

मैं बारिश में चलता हूँ, ताकि कोई मेरे आँसू न देखले
मैं अँधेरे में चलता हूँ, ताकि कोई मेरे चेहरे पर डर न देखले

मन ही मन बोलता है, ताकि कोई मेरा टूटा हुआ दिल नहीं सुन सके

मैं इतना अकेला हूं कि, दूसरों के साथ रहना भी भूल गया हूं
एक हतषा ऐसी कि, मैं दूसरों पर भरोसा करना भी भूल गया हूं।

झूठा इतना हंसा, कि अब मैं अपनी असली मुस्कान भी भूल गया हूं
अरे ज़िन्दगी तुम क्या चाहती थी, मैं तो जीना भी भूल गया हूँ।

 

~ Chanchal Goyal

 

Share This
0

ज़िन्दगी में जो चाहते है साला वो ही नहीं मिलता

 

जिन आँखों में ख्वाब रहा करते थे उनमें ये डर कैसा है?
जिस घर मुझे घर सा नहीं लगता ये मेरा घर कैसा है?

नाज़ुक सी ज़िन्दगी इतने कठोर सवालो से भरी क्यों है?
जो मुझे चाहिए वो किसी और की बाहों में भरी क्यों है?

इन सवालो के जवाब में नए सवाल क्यों है?
वो भी एक आम सा ही लड़का होगा आखिर
उसके लिए इतना बवाल क्यों है?

मेरी तरह क्यों कोई नहीं मिलता ?
दिल मिलकर दिल क्यों नहीं मिलता ?

हमसे ज़िन्दगी कुछ खास मोहब्बत करती है क्या?
जो चाहते है साला वो ही नहीं मिलता….

 

~ रोहित सुनार्थी

 

Share This
0

तु मेरे रब की तरह

देख के तुझे कितना सुकून मुझे मिलता है
ये सिर्फ मैं जानता हूँ।

 

हैं तु क्या चीज,
ये सिर्फ मैं जानता हूँ।

 

हैं तेरा क्या वजूद इस जहा में
ये सिर्फ मैं जानता हूँ।

 

भले ही कुछ ना हो तु ,
दुनिया की नजरों मे
क्या है तेरा वजूद,
ये सिर्फ मैं जानता हूँ।

 

सिखा है मैंने तुझसे बहुत कुछ,
क्या है तु ये सिर्फ मैं जानता हूँ।

 

दिया है तुने मुझे कितना,
क्या है तेरे पास ये सिर्फ मैं जानता हूँ।

 

हैं तेरा ही अहसास इस दिल को,
प्यार हैं या कुछ ओर ये सिर्फ मैं जानता हूँ।

 

समायी है तु मेरी हर ख्वाईशों में,
हैं तु मेरे रब की तरह,
ये सिर्फ मैं जानता हूँ।

 

~ स्वामी गंगानिया

 

Share This