शब – ए – फुरकत भी ख़्वाबो की ताबीर बना दी
वो कौन था जिसने मिरी बिगड़ी तकदीर बना दी
मैं लिखने बैठा था पन्नो पे एहसास ऐ – ज़िन्दगी
और मेरे इस कम्भख्त दिल ने तेरी तस्वीर बना दी
तु उड़ती है सपनो में, जब मैं नींद मैं खोता हूँ
मेरे दिल की धड़कन भी, मैं तुझमे ही सुनता हूँ
बिजली की आहट जैसी है तू, मैं पानी जैसे बरसता हूँ
ज़िंदगी के हर मोड़ में, अब मैं तुझको हमसफ़र चाहता हूँ
तुम मेरी लय बनो और मैं तेरा गीत बनूं ,
तुम मेरी प्रीत बनो और मैं तेरा मीत बनूं ।
दुख की बरसात हो या खुशियों की बेला,
तुम मेरी सरगम बनो और मैं संगीत बनूं।
तुमसे प्यार करता हूँ, तुम्ही पे मैं मरता हूँ
तुम्हारे लिए तो मैं हमेशा ही संवरता हूँ ।
पर जब इज्हार करने की बारी आती हैं मेरी,
नजाने क्यूँ मैं तुमसे बहुत ही ज्यादा डरता हूँ