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जब तेरा दिल मेरा नहीं होगा

Kuch lafz aakhri yahi honge
Tere bina hum nahi honge
Hamare wajood se hamara wasta ni hoga
Jab tera dil mera nahi hoga

 

~ Shruti Katrat

 


 

कुछ लफ्ज आखरी यही होंगे
तेरे बिना हम नहीं होंगे
हमारे वजूद से हमारा वास्ता नहीं होगा
जब तेरा दिल मेरा नहीं होगा

 

~ श्रुति कत्रत

 

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ख्वाब सजाने की फितरत थी हमको

 

Kisi se prem ki chaah thi humko
Kisi se jeene ki umeed thi humko
Vo mere jisme e jigar ko kyon rula gaya
Jis se saare khwab sajane ki fitrat thi humko

 

~ Abhi raja Farrukhabadi

 


 

किसी से प्रेम की चाह थी हमको
किसी से जीने की उम्मीद थी हमको
वो मेरे जिस्म ए जिगर को क्यों रुला गया
जिससे सारे ख्वाब सजाने की फितरत थी हमको।।।

 

~ अभी राजा फर्रुखाबादी

 

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अब कोई नजर मिलाने वाला नही है

Iss barbaad jindagi ko koi
Samajhne wala nahi hai
Thokar khakar gire hain pyar me
Koyi uthaane wala nahi hain
Humne socha tha kabi vo fir yaad karange hume
Lekin ab koyi nazar milane wala nahi hain

~ Adarsh kumar

 


 

इस बर्बाद जिन्दगी को कोई
समझने वाला नही है,
ठोकर खाकर गिरे है, प्यार में
कोई उठाने वाला नही है..!
हमने सोंचा था, कभी वो फिर याद करेंगे हमे
लेकिन अब कोई नजर मिलाने वाला नही है..

~ आदर्श कुमार

 

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प्यार का इज़हार नहीं होता

दीदार का इंतज़ार करते हैं, दीदार नहीं होता !!
प्यार करते हैं पर ……इज़हार नहीं होता !!
बताना चाहते हैं कितनी मोहब्बत हैं तुमसे !!
पर तुम्हारे सामने आते ही ज़ुबान से इकरार नहीं होता !!

 

~ रत्नेश मिश्रा

 


 

Deedar ka intezaar karte hain, Deedar nahi hota
Pyar karten hain par izhaar nahi hota….
Batana chahate hain kitni mohabbat hai tumse
Par tumhare samne aate hi jubaan se ikraar nahi hota

 

~ Ratnesh Mishra

 

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तूने तोड़ा है दिल, अब ये ज़िन्दगी एक सजा और मौत वफ़ा सी लग रही हैं

हर ख़ुशी मुझसे जुड़ा सी लग रही हैं
ज़िन्दगी मुझसे खफा सी लग रही हैं

जब तू था साथ मेरे तो फ़िज़ा से भी खुशबू आती थी
अब बहारों में भी हर कली मुरझाई सी लग रही है

किसी का गम है मुझसे ज्यादा, कुछ का है कम
पर मेरे ग़मों से मुझको नफरत सी हो रही है

तूने तोड़ा है दिल तो हम अब फ़रियाद कर रहे है
अब ये ज़िन्दगी एक सजा और मौत वफ़ा सी लग रही हैं

सो जाऊं तेरी बाहों में एक बार तू आजा सनम
ना थम जाएं सांसें इंतजार में, के अब अंतिम घडी चल रही हैं

अब ये ज़िन्दगी एक सजा और मौत वफ़ा सी लग रही हैं
अब ये ज़िन्दगी एक सजा और मौत वफ़ा सी लग रही हैं

 

~ भावना कौशिक

 

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एक नज़र भी ना देखें वो मेरी तरफ़

हाल अपना सुनाएं हम कैसे उन्हें,
वो तो ग़ैरों की महफ़िल में रमे जा रहे।
एक नज़र भी ना देखें वो मेरी तरफ़,
बेरुखी से हम उनकी मरे जा रहे।।

 

~ महेश ओझा (Mahesh Ojha)

 

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एक अजनबी के घर में गुजारी है जिंदगी

एक अजनबी के घर में गुजारी है जिंदगी |
लगता है जैसे सफर में गुजारी है जिंदगी |
ये और बात है कि मैं तुझसे दूर हूँ,
लेकिन तेरे अशर में गुजारी है जिंदगी |

 

~ अब्दुल रहमान अंसारी (रहमान काका)

 

 

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उनको पहचानने से मुकर गए

महफिल में हम भी उनको पहचानने से मुकर गए,
महफिल में हम भी उनको पहचानने से मुकर गए,
जब वह भी अनदेखा कर, नजदीक से गुजर गए ll

 

~ रवि कुमार गहतराज

 

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दो रूहों का प्यार अब कहां रहा

जिस्मों से मोहब्बत हो रही है…
दो रूहों का प्यार अब कहां रहा…

न रहे वो आशिक पहले जैसे…
मर मिटने का खुमार अब कहां रहा…

जिस्मों से मोहब्बत हो रही है…
दो रूहों का प्यार अब कहां रहा…

 

~ Akshat

 

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