0

कामयाबी मिले भी तो कैसे मिले

हमारे देश के लोग बच्चे की काबिलियत को नहीं बस अपने फायदे को देख लेते हैं
एक बच्चा जो क्रिकेटर बनना चाहता हैं उसे IIT, Neet जैसी कोचिंग भेज देते हैं
कामयाबी मिले भी तो मिले कैसे, अरे कामयाबी मिले भी तो कैसे मिले
ये मछली को आसमान में और पंछी को तालाब में फेंक देते हैं……
हमारे देश के लोग बच्चे की काबिलियत को नहीं बस अपने फायदे को देख लेते हैं

 

~ Deepak Jat

 

Share This
0

यह जीवन है क्षण भंगुर

जब जान लिया कि यह जीवन है क्षण भंगुर
फिर हे मनुष्य है तुझे किस बात का गुरूर
उठो! खंडित कर दो ऐसे विचार संकीर्ण
दिल के पिंजरे से कर दो मोहब्बत को विकीर्ण

 

~ Himanshi Nigam

 

Share This
0

ज़िंदगी तो चार दिन की

फूलों की तरह हमें सदा खिलना चाहिए,
प्रेमभाव से हमेशा हमें मिलना चाहिए।
ज़िंदगी तो चार दिन की जी भर जिएं,
निःस्वार्थ भाव से परमार्थ करना चाहिए।

 

~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’

 

Share This
0

गर्दिश में सितारे

हवाओं के इशारे होते हैं,
नदियों के भी किनारे होते हैं।
सिर्फ अहसास करने की बात है,
कभी कभी गर्दिश में सितारे ह़ोते हैं।

 

~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’

 

Share This
0

कई आए इस जलती शमा को बुझाने

काले गरजते बादलों को धुआँ समझा हैं
मैंने आँधियों को भी हवा समझा हैं…

गिले शिकवे की मुराद हैं उन्हें हमसे
अब क्या बताए हमने दर्द को तो अपनी मेहबूबा समझा हैं

भरा दिल तोड़े कोई और वजह कोई
किसी को कितना कोसे अब हमने खुद को बेवफा समझा हैं

कई आए इस जलती शमा को बुझाने
यूँ ही बुझा जाए, क्या हलवा समझा हैं

 

~ Kshitij Muktikar

 

Share This
0

अब तो टूट कर बिखरने की देरी हैं

हौसले जवाब दे रहे हैं, हारके उन हालातों से,
धीरे धीरे दूर हो रहा हूँ, अपने ही जज़्बातों से,
अब तो टूट कर बिखरने की देरी हैं….
आजा संभाल ले, इन हाथों को उन हाथों से

 

~ Piyush kr. Singh

 

Share This