पौधा अच्छे से उग नहीं सकता, बिना खाद
याद आता है मुझे आपके हाथो से खिलाए खाने का स्वाद,
निकल चुका हुआ जीवन के सफर पर होने आबाद
बस बची यही मेरी आखिरी मुराद
काश फिर से मिल पाता आपका आशीर्वाद।
~ Rahul verma (Rv)
Home » Maa Baap दो घड़ी के लिए दो घड़ी के लिए, बैठ जाया करो। दो घड़ी के लिए……..।। कभी उंगली पकड़कर, चलना सिखाया था। दो घड़ी के लिए…….।। प्यार के दो बोल, अनमोल हैं। दो घड़ी के लिए……..।। माना तुम पढ़ लिखकर, इंसान हो गए। दो घड़ी के लिए……..।। ~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’ Maa Baap
माँ बाप के आशीर्वाद की चाह
Posted on by techiमाँ बाप के लिए बच्चो को सीख
Posted on by techi
मां बाप के पास भी कभी आया करो।
कभी उनको भी बाहर घुमाया करो।
प्यार से कभी तुम, मनाया करो।
कभी तो इंसानियत, दिखाया करो।