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जीवन की सच्ची सीख

छुपाना मत हो कोई, गर राज़ दिल में।
दुख़ाना मत किसी का, दिल हो नाज़ुक सा।
सिख़ाना मत जो कोई, सीख़ने से दूर भागे।
बताना मत जो कोई, बात को दिल में न रख पाए।

 

~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’

 

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