हर कोई उड़ सकता है यदि मनुष्य ठान ले। जो किताबों में लिख़ा है, ठीक से उसे मान ले। तमाम लोगों ने भी, हौंसलों से उड़ान भरी है। जिंदगी के कारवाँ में, अनुभवों से सब जान ले।
बुज़ुर्गों की कीमत समझो, वे अमूल्य होते हैं। अनुभव तमाम जीवन के, उनके करीब होते हैं। माना कि आजकल लोग, इनको तवज्ज़ो नहीं देते। पर जिनके साथ रहते हैं ये, वे बड़े ख़ुशनसीब होते हैं।
देखने में तो बहुत आसान है, पर आसान नहीं है। वह लगता है परेशान, पर परेशान नहीं है। लानत है जो किसी के, कुछ काम नहीं आता। कहे वह अपने को इंसान, पर वह इंसान नहीं है।
मेरी मजबूरी को समझो मैं गुनाहगार नहीं हूँ। मैं सच्चाई के साथ हूँ, झूठ का पैरोकार नहीं हूँ। भले ही तुम मेरी, मजबूरियां ना समझो। मैं तुम्हारा साथी हूँ कोई अपराधियों का यार नहीं हूँ।