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मां के आशीर्वाद का अहसास

जब कभी मेरा मन उदास होता है, तब तेरा चेहरा आसपास होता है।
तब मिलता है सुकून और विश्वास, मां! तेरे आशीर्वाद का अहसास होता है।

 

~ जितेंद्र मिश्र ‘बरसाने’

 

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प्यार भी है और तकरार भी

लोग अच्छे भी हैं यहाँ पर, गले लगाने की ज़रूरत है।
प्यार भी है और तकरार भी, सिर्फ़ मुस्कराने की ज़रूरत है।

 

~ जितेंद्र मिश्र ‘बरसाने’

 

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गर्दिश में सितारे

हवाओं के इशारे होते हैं,
नदियों के भी किनारे होते हैं।
सिर्फ अहसास करने की बात है,
कभी कभी गर्दिश में सितारे ह़ोते हैं।

 

~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’

 

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तुम मेरी सरगम बनो और मैं संगीत

तुम मेरी लय बनो और मैं तेरा गीत बनूं ,
तुम मेरी प्रीत बनो और मैं तेरा मीत बनूं ।
दुख की बरसात हो या खुशियों की बेला,
तुम मेरी सरगम बनो और मैं संगीत बनूं।

 

~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’

 

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झूठी शानोशौकत और दिखावा करने वालो पर 4 पंक्तिया

कभी कभी आदमी इतराता बहुत है,
होता कुछ नहीं पर दिखाता बहुत है।
झूठी शानोशौकत में जीना चाहता है,
भेद खुल जाने पर वह शर्माता बहुत है।

 

~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’

 

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ज़िंदगी जीने का नया ढ़ंग होना चाहिए

ज़िंदगी में रंग और उमंग होना चाहिए,
एक सच्चा हमसफर भी संग होना चाहिए
माता पिता, गुरुओं का आशीष बना रहे,
ज़िंदगी जीने का नया ढ़ंग होना चाहिए।

~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’

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