बोझ न रखिए दिल पर इतना। दिल तो भारी हो जाएगा।
मन की बात किसी से कहिए। दिल तब खाली हो जाएगा।
~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’
Home » Dil निकल पड़ा हूँ उस रास्ते पे रुक जाता उस वक़्त अगर तूने आते हैं आज भी वो सपने बनाता हूँ ख़यालो में चेहरा तेरा चाहता हूँ की रोकर गम भुला दू बहुत खायी हैं इस दिल ने चोटें Dil
मन की बात किसी से कहिए
तेरा मुस्कराना गज़ब ढा गया
अपने ही आँसुओं की वजह
ऐतबार -ए- मोहब्बत में इस कदर टूटे
राज मत पूछो उन्हें क्यों चाहता है दिल
दिल पूरी तरह टूटे
एक शख्श मेरे दिल में उतर गया
अब दिल को दर्द भी नहीं होता
जो कभी ख़त्म नहीं होता
….एक बार भी रोका होता
जब कभी गलती से, मैं सोता
की दिल से अक्स तेरा नहीं होता
पर कम्बक्त दिल ही नहीं होता
की अब दिल को दर्द भी नहीं होताचाहता हूँ तुझे दिल में छिपाना
Dil (❤)