मन में प्यार छुपाए क्यों हो,
अपनी बात को सामने लाओ ज़रा,
कुछ यादगार पल बिताने है,
अपने दिल की बात तो सुनाओ ज़रा।
~ सृष्टि मौर्य
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निकल पड़ा हूँ उस रास्ते पे रुक जाता उस वक़्त अगर तूने आते हैं आज भी वो सपने बनाता हूँ ख़यालो में चेहरा तेरा चाहता हूँ की रोकर गम भुला दू बहुत खायी हैं इस दिल ने चोटें
Dil
अपने दिल की बात सुनाओ ज़रा
घरों की आग | Deep sad lines
मन की बात किसी से कहिए
तेरा मुस्कराना गज़ब ढा गया
अपने ही आँसुओं की वजह
ऐतबार -ए- मोहब्बत में इस कदर टूटे
राज मत पूछो उन्हें क्यों चाहता है दिल
दिल पूरी तरह टूटे
एक शख्श मेरे दिल में उतर गया
अब दिल को दर्द भी नहीं होता
जो कभी ख़त्म नहीं होता
….एक बार भी रोका होता
जब कभी गलती से, मैं सोता
की दिल से अक्स तेरा नहीं होता
पर कम्बक्त दिल ही नहीं होता
की अब दिल को दर्द भी नहीं होता