बन कर कुदरत का कहर पूरी दुनिया पर है बरसा
वक्त कुछ यूं बदला कि इंसान सांसों तक को है तरसा
अब भी वक्त है संभल जाओ यारों
कही बाद में ना कहना पड़े अब तो बीत चुका हैं अरसा।
~ Abhishek Mishra
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लॉकडाउन यह लॉकडाउन नहीं जीवन रक्षक मंत्र है जिसने इसे बनाया वह तो है अपनी मस्ती में यह ना देखे जात पात ना ही देखे कोई धर्म फैले ना ये सब जगह इसलिए इस्तेमाल करे सैनिटाइज व मास्क ना हाथ मिलाये ना गले मिले बस कुछ दिन की तो बात आओ हम सब मिलकर ये पहल करें यह लॉकडाउन नहीं जीवन रक्षक मंत्र है ~ माही गुप्ता “बे वजह घर से निकलने की जरुरत क्या है” सब को मालूम है बाहर की हवा है कातिल ज़िन्दगी एक नेमत है उसे संभाल के रखो दिल बहलाने के लिए घर में वजह है काफी #Lockdown
Corona Virus
कुदरत का कहर पूरी दुनिया पर
मुसीबत के इस दौर में
Heart Touching True But Sad Corona Shayari
यह लॉकडाउन नहीं जीवन रक्षक मंत्र है
जिससे बचना है हमें उसका नाम कोरोना षड्यंत्र है|
अब यह फैल रहा हम लोगों की बस्ती में|
यह तो अपने चक्कर में सब को लपेटे चाहे राजा हो या रंक|
इन दोनों को देखकर ही कोरोना दूर से ही जाता भाग|
एक बार सब ठीक हो जाए फिर मिलते रहिए दिन रात|
दूर दार रहकर ही चहल करें|
जिससे बचना है हमे उसका नाम कोरोना षड्यंत्र है|कोरोना महामारी का बुरा दौर थम जाएगा
कोरोना वायरस से ज़िन्दगी ही मजाक बनी पड़ी है
Lockdown Frustration
Emotional But Positive Corona Shayari
गलियों में भटकने की जरुरत क्या है?
मौत से आँखे मिलाने की जरुरत क्या है
यूँही कातिल से उलझने की जरुरत क्या है
कब्रगाहों को सजाने की जरुरत क्या है
यूँही गलियों में भटकने की जरुरत क्या है”
#Covid-19
#CoronaVirus
#IndiaFightsCoronaDuriya hi Dava – Covid19