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वह किसी और की हो गयी

 

चाँद सी खूबसूरत थी मेरी माशूका,
गहरे बादलों में खो गयी,
सारे रात उसके आने का किया मैंने इंतज़ार,
पर सुबह तक वह किसी और की हो गयी!

 

~ आयुषी जे त्रिपाठी

 

 


 

Chaand si khoobsurat thi meri mashooqa,
Gehre baadalon mein kho gayi,
Saare raat uske aane ka kiya maine intezaar,
Par subah tak woh kisi aur ki ho gyi!

 

~ Aayushi J Tripathy

 

 

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तूने तोड़ा है दिल, अब ये ज़िन्दगी एक सजा और मौत वफ़ा सी लग रही हैं

हर ख़ुशी मुझसे जुड़ा सी लग रही हैं
ज़िन्दगी मुझसे खफा सी लग रही हैं

जब तू था साथ मेरे तो फ़िज़ा से भी खुशबू आती थी
अब बहारों में भी हर कली मुरझाई सी लग रही है

किसी का गम है मुझसे ज्यादा, कुछ का है कम
पर मेरे ग़मों से मुझको नफरत सी हो रही है

तूने तोड़ा है दिल तो हम अब फ़रियाद कर रहे है
अब ये ज़िन्दगी एक सजा और मौत वफ़ा सी लग रही हैं

सो जाऊं तेरी बाहों में एक बार तू आजा सनम
ना थम जाएं सांसें इंतजार में, के अब अंतिम घडी चल रही हैं

अब ये ज़िन्दगी एक सजा और मौत वफ़ा सी लग रही हैं
अब ये ज़िन्दगी एक सजा और मौत वफ़ा सी लग रही हैं

 

~ भावना कौशिक

 

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पाना भी नही चाहता और खोने से भी डरता है

वफ़ा भी नही करता वो बेवफ़ा होने से भी डरता हैं
मुझे पाना भी नही चाहता और मुझे खोने से भी डरता है

 

~ Pari

 

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अब दिल को दर्द भी नहीं होता

निकल पड़ा हूँ उस रास्ते पे
जो कभी ख़त्म नहीं होता

रुक जाता उस वक़्त अगर तूने
….एक बार भी रोका होता

आते हैं आज भी वो सपने
जब कभी गलती से, मैं सोता

बनाता हूँ ख़यालो में चेहरा तेरा
की दिल से अक्स तेरा नहीं होता

चाहता हूँ की रोकर गम भुला दू
पर कम्बक्त दिल ही नहीं होता

बहुत खायी हैं इस दिल ने चोटें
की अब दिल को दर्द भी नहीं होता

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प्यार में धोखा और बेवफा पर शायरी

बेवफा तो वो खुद थी,
पर इलज़ाम किसी और को देती हैं

पहले नाम था मेरा उसके होंठो पर,
अब वो नाम किसी और का लेती हैं,

कभी लेती थी वादा मुझसे साथ ना छोड़ने का
अब यही वादा वो किसी और से लेती हैं..||

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एक बेवफा से प्यार किया, ज़िन्दगी बर्बाद

खुले आसमान के निचे बैठा हूँ …कभी तो बरसात होगी …..
एक बेवफा से प्यार किया हैं तो ज़िन्दगी कभी तो बर्बाद होगी

~ रोबिन श्रीवास

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Dard Bhari Bewafa Zindagi Shayari on Love

बिछड़ के तुम से ज़िंदगी सज़ा लगती है,
यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है ।

तड़प उठता हूँ दर्द के मारे,
ज़ख्मों को जब तेरे शहर की हवा लगती है ।

अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ तो किस से करूँ,
मुझ को तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफ़ा लगती है।

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प्यार करके जो धोखा दे जाते हैं उन पर शायरी

ज़िन्दगी की हसीन राह पर तुम मुझसे आकर टकरा गए
दिखाकर आँखों को ख्वाब प्यारा सा, फिर उसे भिखरा गए
फूल अरमानों के जो भी खिले मेरे दिल में सब मुरझा गए
खुशियों को मेरी लूटकर तुम.., गमो के बादल बरसा गए

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