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ज़िंदगी का सार हो तुम मां

गुलाब की तरह हो तुम मां! मेरे मन मंदिर में महकती हो।
ज़िंदगी का सार हो तुम मां! तुम्हीं दिल से मुझे समझती हो।

 

~ जितेंद्र मिश्र ‘बरसाने’

 

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सपने जीवन में अनमोल होते हैं

नींद में सपने दिखाई देते हैं, कभी कुछ अपने दिखाई देते हैं।
सपने जीवन में अनमोल होते हैं, कभी सपने सच्चे दिखाई देते हैं।

 

~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’

 

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