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कहीं अंधेरा, कहीं उजाला

कहीं अंधेरा, कहीं उजाला
कहीं धुप, कहीं छांव हैं।
कहीं अमीरी तो कहीं नंगे पांव हैं।

इस सृष्टि का खेल अनजाना,
कहीं रूठना तो कहीं मनाना,
कहीं हँसना तो कहीं हंसाना।

चली आ रही सदा से ये रीत,
कहीं शिक्षा सही तो कहीं गलत सीख।

खुशियाँ हैं अपार कहीं,
तो कहीं गमों की झार हैं।
यही तो संसार हैं,
यही तो संसार हैं।

 

~ Yograj Jangir Bagora

 

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झूठी शान और लालच | Very True Lines

हम स्वार्थ की ज़मीन पर नफरतों का बीज बो रहे हैं।
झूठी शान और लालच में हम रिश्तों को खो रहे हैं।।

 

~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’

 

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इंसान पर बेहतरीन पंक्तिया

देखने में तो बहुत आसान है, पर आसान नहीं है।
वह लगता है परेशान, पर परेशान नहीं है।
लानत है जो किसी के, कुछ काम नहीं आता।
कहे वह अपने को इंसान, पर वह इंसान नहीं है।

 

~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’

 

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True Life Shayari on Zindagi Ke Usool

लाख टके की बात –

कोई नही देगा साथ तेरा यहॉं,
हर कोई यहॉं खुद ही में मशगुल है
जिंदगी का बस एक ही ऊसुल है..!!

तुझे गिरना भी खुद है,
और सम्हलना भी खुद है..!!

तू छोड़ दे कोशिशें,
इन्सानों को पहचानने की…!!

यहाँ जरुरतों के हिसाब से,
सब बदलते नकाब हैं…!!

अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डालकर,
हर शख़्स कहता है, “ज़माना बड़ा ख़राब है”

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Jo pahle jitna hasta fir utna hi rota h

सच हमेशा कड़वा होता है
चैन तो इस दिल का खोता है

मीठे सपनों की ज़मीन पर
पेड़ क्यों नीम का बोता है

पहले जो हँसता है जितना
वहीं बाद में उतना रोता है ।

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True Lines About Zeher & Shakkar

ज़हर तो बिना मतलब के ही बदनाम है,

घुमा कर देख लो एक नजर दुनिया में

शक्कर से मरने वालों की तादाद बेशुमार हैं !

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