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सदीयो से जागी आँखो को, एक बार सुलाने आ जाओ,
माना की तुमको प्यार नहीं, नफरत ही जताने आ जाऔ
जिस मोङ पे हमको छोङ गये, हम बैठे अब तक सोच रहे
क्या भुल हुई क्यो जुदा हुए, बस यह समझाने आ जाओ!
टूटे हुए दिलो की जरुरत बहुत हैं
वरना महफ़िल में रंग जमायेगा कौन
जब टूटेगा ही नहीं दिल किसी का
तो मयखाने में पीने आएगा कौन
मयखाने वाले की दुआ हैं जो क़ुबूल हो जाती हैं
और यहाँ हम सोचते हैं की
क्यों वो हमसे अक्सर रूठ जाती हैं
कैसे छिपाऊँ मैं मेरे दर्द को, दिल का इस पर पहरा हैं|
दर्द और मेरी ज़िन्दगी का रिश्ता, बहुत ही गहरा हैं |
है नादान वो कुछ समझते नहीं
दिन है या रात, का फर्क जानते नहीं
अगर जाऊ पास भी तो डर जाते है
दर्द नहीं दवा हु मैं ये समझते नहीं
Hain nadaan woh kuch samajte nahi
Din hain yaa raat, ka fark jante nahi
Agar jaau pas bhi toh darr jate hain
Dard nai dawa hu main ye samajte nahi
Tanhayiyo kaa safar har hadh paar karta chala gaya
Hum karte rahein gunah unhe pane ki khawaisho ka
Vo ban bekhabar kisi or ki baho me simatta chala gaya
नहीं मालूम तुम्हें के चाहत क्या होती है
दर्द-ए-दिल के लिए राहत क्या होती है
टूटेगा जब दिल अपना, मालूम होगा तुम्हें भी
के दिल तोड़ने की हिमाकत क्या होती है
नहीं जानते वो भी, चाहत के जिन्होंने दावे किए
हद से ज्यादा किसी की चाहत क्या होती है
आशिक बनो हाँ कभी, तुम भी हमारी तरह कोई
पता चलेगा तब कहीं के मोहब्बत क्या होती है।
~ By trueshayari.in
यकीन जब कभी खुद टूटने लगता है
साथ मेरा ही मुझसे फिर छूटने लगता है
हद से ज्यादा तकलीफ होती है तब
जब अंदर ही अंदर ज़ख्म फूटने लगता है
बहुत रोता है ये दिल चीख चीख कर
कोई अपना मेरा जब मुझे लूटने लगता है
कुछ इस तरह टूटने लगा हूँ मैं आजकल
जैसे शीशा कोई खुद ब खुद टूटने लगता है ।
ज्यादा देर यूँ एक जगह नहीं रूकता हूँ मैं
बंजारों का कभी कोई ठिकाना हुआ है क्या
दीवानों की बातें भला कोई समझे तो कैसे
दीवानों का कभी कोई दीवाना हुआ है क्या
रगों में लहू बहता है मेरे पानी नहीं
ऐसा तो कोई नहीं जिसकी कोई कहानी नहीं
वो सबूत मांगता है उन्ही लम्हों का अक्सर
जिनकी यादें तो है मगर निशानी नहीं
ले लो मज़ा तुम भी इस मोहब्बत का
नई नई है अभी ज्यादा पुरानी नहीं
दबोच लो इस ज़िन्दगी को जैसे मछली हो कोई
गर फिसल गई ये तो फिर हाथ आनी नहीं ।
Karu toh kaise karu khud ko kabil tere liye
Agar badlu aadate to teri sharte badal jati h
Dur karna ho khudse toh koyi tujhse sikhe,
Becheni mein teri puri puri raate dhal jati hain
Sab tut k bikhar jata h aashiqo ka es daur me
Yaha 2-3 hafto me to mashuka tak badal jati h
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