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लिखने बैठा पन्नों पे एहसास और बन गयी तेरी तस्वीर

शब – ए – फुरकत भी ख़्वाबो की ताबीर बना दी
वो कौन था जिसने मिरी बिगड़ी तकदीर बना दी
मैं लिखने बैठा था पन्नो पे एहसास ऐ – ज़िन्दगी
और मेरे इस कम्भख्त दिल ने तेरी तस्वीर बना दी

 

~ Shayar Karan

 

 

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ज़िंदगी के हर मोड़ में तू ही हमसफ़र

तु उड़ती है सपनो में, जब मैं नींद मैं खोता हूँ
मेरे दिल की धड़कन भी, मैं तुझमे ही सुनता हूँ
बिजली की आहट जैसी है तू, मैं पानी जैसे बरसता हूँ
ज़िंदगी के हर मोड़ में, अब मैं तुझको हमसफ़र चाहता हूँ

~ Abhishek panigrahi

 

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तेरा मुझसे दूर जाना मेरी जान निकाल देता है

यूं तेरा आना मेरी धड़कने बढ़ा देता है ।
यूं तेरा मुस्कुराना मेरी सांसे अटका देता है ।।
तेरा शर्मीली निगाहों से देखना मुझे तिलमिला देता है
यूं तेरा मुझसे दूर जाना मेरी जान निकाल देता है ।।

 

~ Ashutosh dangi

 

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हमसफ़र साथ अपना तो हर मुश्किल आसान

रास्ते कठिन कितने भी क्यों ना हो
मंजिल हमे पास लगने लगती हैं
गर हो हमसफ़र साथ अपना तो
हर मुश्किल आसान लगने लगती है

 

~ करन विश्वकर्मा

 

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राह में मिला वो साथी

Nasha Pyar Ka Destiny Lover

 

राह में मिला वो साथी हमसे भुलाया नहीं जा रहा
एक झिलमिलाता रोशन चिराग बुझाया नहीं जा रहा
उनकी आँखों की मस्ती का असर हुआ कुछ इस कदर
बिन पिए ये नशा हमसे उतारा नहीं जा रहा

 

~ Nidhi Shrivastava

 

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तेरा मुस्कराना गज़ब ढा गया

तुम्हारी बातों में दिल आ गया था।
नज़र जब मिली थी मैं शर्मा गया था।
अदाओं ने तेरी, दिल मेरा छीना।
तेरा मुस्कराना गज़ब ढा गया था।

 

~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’

 

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कुछ सवाल एक आशिक़ से उसके इश्क़ की इन्तहा जानने के लिए

तोड़ दूं अगर मैं रिश्ते की डोर, तो जोड़ पाओगे क्या ??
छोड़ दूं अगर मैं साथ तुम्हारा हाथ, मेरा फिर भी थामोगे क्या ??

खून के आंसूं रुलाती रहूं अगर मैं, इसके बावजूद भी मेरे आंसू पोछोगे क्या ??
किसी और को चाहने लगूं अगर मैं, तुम फिर भी मुझे ही चाहोगे क्या ??

ख़्वाबों में न दिखूं अगर मैं तुम्हें, तो नींद के कातिल बनोगे क्या ??
बेइलाज हो जाए अगर बीमारी मेरी, तुम दुआएं लेकर अंगारों पे चलोगे क्या ??

बड़े चुप – चुप से लगते हो, अब आंखों को जलाओगे क्या ??
अधमरी पड़ी हैं अगर बातें हमारी, तुम आशा की लॉ बुझा पाओगे क्या ??

ओढ़ लूं मैं अगर सफ़ेद चादर, मेरी कब्र सजा पाओगे क्या ??
तारा बन अगर टूट जाऊं मैं किसी और को, अपनी क़िस्मत में मांगोगे क्या ??

 

– गरीमा त्यागी

 

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पूरी कायनात को हराने की औकात

जा तू मिट जा किसी और के एह्तराम मे
हम तेरे दिये हुये खत तेरे हाथ रखते हैं।
एक दिल की बाजी हार गये तो क्या हुआ
हम पूरी कायनात को हराने की औकात रखते हैं

 

~ Anadi sharma

 

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