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Bachpan ka ek sapna, jo kabhi pura nahi hua

Bachpan ka adhura sapna Hindi Poetry

 

बचपन का एक सपना,
जो कभी पूरा नहीं हुआ

 

यार लेनी थी एक रिमोट वाली कार,
जिसके लिए बहुत सुनी फटकार,
और कहा गया की
ज़िद्द करना नहीं है एक अच्छा संस्कार,

 

फिर दिन निकले हम बढ़ते गए,
पुरानी बाते भूलते गए,
छोटी छोटी इन बातों से,
हम थोड़ा थोड़ा सीखते गए,

 

फिर ज़िद्द करना ही छोड़ दिया,
अपनी ही दुनिया बुनते गए
और ऐसे ही धीरे धीरे
हम अच्छा बच्चा बनते गए

 

बचपन का एक सपना,
जो कभी पूरा नहीं हुआ

 

~ अतुल शर्मा

 

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Waqt Sikhata hai, Kon Apna Kon Paraya

Kon Apna Kon Paraya Khane Me Zahar Shayari

 

वक़्त ने कुछ ऐसा पैतरा आज़माया…,
कौन अपना, कौन पराया, सब दिखाया
उम्मीद लगा के बैठे थे जिन रिश्तों से
उन्ही दोस्तों ने खाने में ज़हर मिलाया

 

~ Sachinda Boro

 

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मुसाफिर यूं ना थक कर बैठ

Life Motivation Success Zindagi Ke Tufan Shayari

 

यह तुफान भी थम जाएंगे और रास्ते की कांटे भी हट जाएंगे
ऐ मुसाफिर यूं ना थक कर बैठ तेरे हौसले से
यह कायनात के असूल भी बदल जाएंगे…….
वह बैठा है ऊपर, उसके फैसले भी बदल जाएंगे

 

~ घनश्याम सिंह

 

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Ego Logo Par Shayari

 

पलट के जवाब देना शायद अच्छी बात नहीं
पर चुप चाप गलत को सेहना कैसे है सही,
कुछ तुमने बोला और कुछ उसने है बाते कही,
अजीब है ना माफ़ी पहले किसी ने नहीं मांगी…ईगो की बात जो रही

 

~ Vinit

 

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तिरंगा साथ ना हो तो, वतन अच्छा नहीं लगता

Tiranga Desh Bhakti Shayari

 

कोई वर्दी नहीं जंचती, वसन अच्छा नहीं लगता ।
सितारा साथ हो अगर, कफन अच्छा नहीं लगता ।।
दुनियां के अजनबी हैं हम, इन रंग बिरंगो से।
तिरंगा साथ ना हो तो, वतन अच्छा नहीं लगता।।

 

जय हिंद

 

~ Hritik Mishra (Indian Army)

 

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कवि तो कवि होते है, Shayari about Kavi

Shayari Poem on Poet, Kavi, Writer

 

कवि तो कवि होते है ।
ये ऐसे बुद्ध जिवी होते है
प्रखर इनकी रचनाओं में शब्दों से रवि होते है।
हैदराबादी, उर्दू, या हिंदी, ये लखनवी होते है ।

 

व्यंग, कविताएं, तंज कसने में,
ये बड़े अनुभवी होते है ।
कागज़ वस्त्र इनके, कलम आभूषण
समाज में साक्षरता की छवि होते है।

 

मै कवि नहीं, और क्या लिखूं ,
कबीर, तुलसीदास, बच्चन, निराला,
संसार में कभी कभी होते है।
कवि तो कवि होते है ।।

 

~ Abhidat Arunkumar Fale

 

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अब जीने में वो बचपन वाली बात नहीं

 

क्या हुआ जो अब तू मेरे साथ नहीं है,
वो पहले जैसा दिन और रात नहीं है,
तुझसे बिछडने का मलाल नहीं है मुझे,
बस अब जीने में वो बचपन वाली बात नहीं हैं।

 

– विक्रम

 

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गलियों में भटकने की जरुरत क्या है?

Lockdown Shayari for who is going outside

 

“बे वजह घर से निकलने की जरुरत क्या है”
मौत से आँखे मिलाने की जरुरत क्या है

 

सब को मालूम है बाहर की हवा है कातिल
यूँही कातिल से उलझने की जरुरत क्या है

 

ज़िन्दगी एक नेमत है उसे संभाल के रखो
कब्रगाहों को सजाने की जरुरत क्या है

 

दिल बहलाने के लिए घर में वजह है काफी
यूँही गलियों में भटकने की जरुरत क्या है”

 

#Lockdown
#Covid-19
#CoronaVirus
#IndiaFightsCorona

 

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Corona Virus Effects on Poor People Shayari by Ayushman

Ayushman Lockdown Corona Shayari

Ayushman Lockdown Corona Shayari

 

अब अमीर का हर दिन रविवार हो गया,
और गरीब है अपने सोमवार के इंतजार में,
अब अमीर का हर दिन से परिवार हो गया है,
और गरीब है अपने रोजगार के इंतजार में

– आयुष्मान खुराना

 

#covid-19

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