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कुछ जख़्म कभी नहीं भरते

कुछ लम्हे कभी नहीं गुज़रते
कुछ रातें कभी नहीं कटती

कुछ एहसास कभी नहीं मरते
कुछ दरारें कभी नहीं भरती

कुछ वादे कभी नहीं मुकरते
कुछ उम्रे कभी नहीं घटती

कुछ जख़्म कभी नहीं भरते
कुछ यादें कभी नहीं मिटती

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बादलों समय पर बरस जाना, जमीन जल चुकी है

किसानो की उम्मीद कविता

जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है,
सूखे कुएँ तुम्हारा इम्तहान बाकी है..

वो जो खेतों की मेढ़ों पर उदास बैठे हैं,
उनकी आखों में अब तक ईमान बाकी है

बादलों बरस जाना समय पर इस बार
किसी का मकान गिरवी तो किसी का लगान बाकी है

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Beautiful Hindi Thoughts on Life | Satya Vachan

“जीत” किसके लिए ‘हार’ किसके लिए
‘ज़िंदगी भर’ ये ‘तकरार’ किसके लिए,
जो भी ‘आया’ है वो ‘जायेगा’ एक दिन
फिर ये इतना “अहंकार” किसके लिए !

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True Fact Shayari about Sita & Ravan

आदमी ही आदमी को छल रहा है,
ये क्रम आज से नही, बरसों से चल रहा है
रोज चौराहे पर होता है ” सीताहरण ”
जबकि मुद्दतों से ‘रावण’ जल रहा है…!!

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मैं अंदर ही अंदर भभक रहा हूँ

जलते बुझते दिये सा लग रहा हूँ
मैं अंदर ही अंदर भभक रहा हूँ

किसी और की ज़रूरत ही क्या मुझे अब
मैं ठहरा खुदगर्ज खुद ही खुद को ठग रहा हूँ

ये कैसी आग है जो जलती नहीं
बुझकर भी अश्क़ों के साये में सुलग रहा हूँ

शख्स था जो मुझमें जाने कहाँ चला गया
असल में भी अब तो नकल सा लग रहा हूँ।

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Aakhir ye (♥) Dil kya chahta h ?

दिल को अपने काबू में करना, इतना आसान नहीं यहां
जो जितनी कोशिश करता, वो होता उतना ही हैरान यहां

यह दिल पल भर में ही सारी दुनिया घूम लेता है…♥
अपनी ही धुन, अपनी ही मस्ती में झूम लेता है…♥

कभी अपने, तो कभी औरों के बारे में सोचता है
खुद इसको भी नहीं पता, ये दिल क्या चाहता है

कितना भी समझा लो, पर ये दिल कुछ नहीं समझता
ना जाना हो जिस रस्ते, ये जाकर सिर्फ वही भटकता है

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Tanhai ka aalam Sad Poetry

तन्हाई के आलम में आजकल, नींद नहीं आती है
जहाँ से दूर भागता हूँ, यादें फिर वहीं ले जाती हैं

आने वाला कल हर घड़ी, पास अपने बुलाता है
सपनों के सुकून भरे, साये में मुझको सुलाता है

खुली रहती हैं पलकें हरपल, बस इसी इन्तजार में
नींद नहीं इन्हें आए कभी, ये डूब जाए तेरे प्यार में

ख़्वाब इस कदर आते हैं, रह रहकर मुझे जगाते है
पलकों पर रखकर नींद, फिर खुद को आज़माते है

तन्हाई के आलम में आजकल, रातें नहीं कटती है
जहाँ से दूर भागता हूँ, यादें उसी ओर ले चलती हैं।

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Beautiful lines said by a Chahat-E-Musafir

शांति चाहता था मैं
पर शांति ढूंढ ना पाया।

एकता चाहता था मैं
पर एकता रख ना पाया।

सबमे समानता चाहता था मैं
पर जात पात को मिटा ना पाया।

रोज मंदिर भी जाता था मैं
पर सब में खुदा देख ना पाया।

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शेर पर कविता | शेर घायल है मगर दहाड़ना नहीं भूला

शेर घायल है मगर दहाड़ना नहीं भूला
एक बार में सौ को पछाड़ना नहीं भूला।

कुत्ते समझ रहे हैं कि, शेर तो हो चुका है ढ़ेर
उन्हें कौन समझाए कि, ये तो समय का है फेर।

साज़िश और षड्यंत्र के बल पर, हुआ यह सब
वरना आज तक कोई, शेर को मार सका है कब।

विरोधियों ने बैठक बुलाई, नई-नई योजना बनाई
सिंह को वश में करने के लिए, चक्रव्यूह रचना सुझाई।

चौकन्ना एक चीता, हालात जो सब समझ चुका था
ऐसे ही एक जाल में, बहुत पहले खुद फंस चुका था।

कुत्ते गीदड़ सियार लोमड़ी, बेशक सब गए हो मिल
अपनी ही चाल में फंसेगे सब, नहीं अब ये मुश्किल।

शेर ज़ख़्मी है लेकिन शिकार करना नहीं भूला
पंजों से अपने घातक प्रहार करना नहीं भूला।।

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Narendra Modi Shayari in Hindi | Modi Sms For Hindustani

Ubalte huye khoon ki rawani h modi
Es desh ke yuva ki jawani hai modi,
Soye huye the jo ab tak hindustani,
Unke jaag uthne ki kahani hai modi

 


मोदी जी कुछ तो अब कर दिख लाएंगे
जिसने अब तक लूटा जग को उनको घुटनो पर लाएंगे

अमीरो की कोठियो को झुंगी में बदल दिखलायेंगे
खून बहा पसीना बन कर उनका हक़ अब वो दिलवाएंगे

धूल चट रहा जो धन अमीरो की तिजोरियों में
उस धन को वो सही हक़दार तक पहुचाएंगे

 


 

वो लूट रहे हैं सपनो को
मैं चैन से कैसे सो जाऊ
वो बेच रहे हैं भारत को
मैं खामोश कैसे हो जाऊ

~  नरेंद्र मोदी

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