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रिश्ते स्वार्थी, दोस्ती बदनाम, प्यार दिखावा, सबके मायने बदल गए

पहले दोस्त, दोस्त की मदद करता था दोस्ती के लिए
आज दोस्त, दोस्त की मदद करता है अक्सर अपने स्वार्थ के लिए

पहले दोस्त पैसा दोस्त को दे देता था हमेशा के लिए
और दोस्त कैसे भी करके लौटाता था, मन के सुकून के लिए

आज कल दोस्ती तो लगता है, जैसे नाम के लिए रह गयी हैं
कितना सब बदल गए हैं और कितनी सोच भी बदल गयी हैं

और कहते हैं अपने दोस्त को जो उधार दे वो मूर्ख कहलाये
और जो उधार वापस करे, वो उससे भी बड़ा मुर्ख कहलाये

दोस्ती का नाम बदनाम हुए जा रहा हैं
फिर भी किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा हैं

माहौल दिन-ब-दिन ख़राब होता जा रहा हैं
इंसान का इंसान से विश्वास उठता जा रहा हैं

बदलता माहौल देख बहुत दुःख हो रहा हैं
देखो दोस्तों इंसान कहा से कहा जा रहा हैं |
Poetry By ~ BANSI DHAMEJA

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प्यार में फिर से पड़ने लगा हूँ

भरी भरी सी हैं ज़िन्दगी, भावो में बहने लगा हूँ
हाँ मैं तेरे प्यार में फिर से पड़ने लगा हूँ

सोचा रुक जाएगी ज़िन्दगी, जब उसने मेरे दिल को तोडा
लेकिन तूने आके मेरी ज़िन्दगी में इसका टुकड़ा टुकड़ा जोड़ा

सपने लेने छोड़ दिया था, लगा था तनहा सा रहने
अब तू मिली ज़िन्दगी में और तेरे सपने के सागर में लगा हूँ बहने

भरी भरी सी हैं ज़िन्दगी, भावो में बहने लगा हूँ….

चली गयी थी चेहरे की हंसी आने लगे थे दुःख
तुम मिली ज़िन्दगी में अब सच हैं सारे सुख

प्यार एक शब्दो का खेल हैं. ऐसा लगा था सबसे कहने
आज तो फिर से प्यार हो गया और लगा हूँ तेरे ख्वाबो में रहने

भरी भरी सी हैं ज़िन्दगी, भावो में बहने लगा हूँ….

~ shyam lahoti

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शेर पर कविता | शेर घायल है मगर दहाड़ना नहीं भूला

शेर घायल है मगर दहाड़ना नहीं भूला
एक बार में सौ को पछाड़ना नहीं भूला।

कुत्ते समझ रहे हैं कि, शेर तो हो चुका है ढ़ेर
उन्हें कौन समझाए कि, ये तो समय का है फेर।

साज़िश और षड्यंत्र के बल पर, हुआ यह सब
वरना आज तक कोई, शेर को मार सका है कब।

विरोधियों ने बैठक बुलाई, नई-नई योजना बनाई
सिंह को वश में करने के लिए, चक्रव्यूह रचना सुझाई।

चौकन्ना एक चीता, हालात जो सब समझ चुका था
ऐसे ही एक जाल में, बहुत पहले खुद फंस चुका था।

कुत्ते गीदड़ सियार लोमड़ी, बेशक सब गए हो मिल
अपनी ही चाल में फंसेगे सब, नहीं अब ये मुश्किल।

शेर ज़ख़्मी है लेकिन शिकार करना नहीं भूला
पंजों से अपने घातक प्रहार करना नहीं भूला।।

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होली कैसे खेलु रे मोदी तेरे संग (भारतीय जनता पार्टी – UP चुनाव )

माया बोली मोदी से, होली कैसे खेलूँ रे तेरे संग
बुरी तरह से हार गई इस चुनाव की जंग
हाथी मेरा सो गया था, पीली थी उसने भंग
होली कैसे खेलु रे मोदी तेरे संग

मोदी ने घोला केसरिया, माया ने नीला रंग
नीला रंग चढ़ न सका जनता पर
मै देख कर हो गयी बहुत दंग
होली कैसे खेलूँ रे मोदी तेरे संग

भर भर पिचकारी तूने ऐसी मारी
मेरी चोली हो गयी थी तंग
गीले सारे मेरे वस्त्र हो गए
चमक रहे थे मेरे सारे अंग
होली कैसे खेलूँ रे मोदी तेरे संग

अखिलेश बबुआ मोदी से बोला
हुई करारी हार मेरी साईकिल खा गयी थी जंग
बची खुची कसर राहुल ने पूरी कर दी
जब से मिला था उसका संग
होली कैसे खेलु रे मोदी तेरे संग

साईकिल मेरे पंचर हो गयी थी
बैठी थी दो सवारी भारी
इतना बोझ कैसे संभाले
अक्ल गयी थी मेरी मारी
परिवार भी सहारा न दे सका
उससे भी हो गयी थी जंग
होली कैसे खेलूँ रे मोदी तेरे संग

~ आर के रस्तोगी

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हैप्पी वैलेंटाइन्स डे कविता

आज पास तुम चले आओ, तो कोई बात बने
अपना मुझे भी बनाओ, तो कोई बात बने

मेरी हर सांस-o-एहसास ने तेरा एतबार किया
हर नजर ने, हर जज़्बे ने तुमसे इज़हार किया

आज हमे तुम भी चाहो, तो कोई बात बने
मोहबत्त तुम भी जताओ, तो कोई बात बने

आज वादा तुम भी निभाओ, तो कोई बात बने
एक कसम तुम भी खाओ, तो कोई बात बने

लिखें हैं ना जाने कितने नगमे इस प्यार ने
मांगी हैं कितनी ही दुआएं पल पल इस इन्तजार ने

आज गीत तुम भी गुनगुनाओ, तो कोई बात बने
एक ग़ज़ल तुम भी सुनाओ, तो कोई बात बने

बहुत हैं अरमान साथ तुम्हारे जीने का हमे
इश्क़ के पहलु में मुस्कुरा कर मरने का हमे

आज अगर तुम भी मान जाओ, तो कोई बात बने
दुनिया अपनी भी दिखाओ, तो कोई बात बने

हैप्पी वैलेंटाइन्स डे

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जो देखे वही हैरान हो जाए दुश्मन भी तेरा कद्रदान हो जाए

जो देखे वही हैरान हो जाए
दुश्मन भी तेरा कद्रदान हो जाए

आग बन जाए गुलिस्तां यहां
गर कामिल तेरा ईमान हो जाए

इतना भी अकेला न रहना कभी
के खाली दिल का मकान हो जाए

बोझिल लगने लगती हैं ये साँसें
ज़िन्दगी जब इम्तिहान हो जाए

सुनता नहीं वो फिर किसी की
जब दिल यह बेईमान हो जाए

अल्फ़ाज़ कहो न उर्दू में कुछ
शहद सी यह जुबान हो जाए

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छोटी सी नाजुक कली और फिर गुलाब बन गयी

किसी का सवाल बन गयी
तो किसी का खयाल बन गयी
छोटी सी नाजुक कली…
और फिर गुलाब बन गयी

निखरता शबाब बन गयी
ग़ज़ल की किताब बन गयी
छोटी सी नाजुक कली…
और फिर गुलाब बन गयी

आँगन की गुड़िया अब देखो
बड़ी सी मिसाल बन गयी
छोटी सी नाजुक कली…
और फिर गुलाब बन गयी

घर की नवाब बन गयी
आशिक़ का ख्वाब बन गयी
हसीन महताब बन गयी
छोटी सी नाजुक कली…
और फिर गुलाब बन गयी

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Most Beautiful True Love Poetry in Hindi for Girlfriend

तुम्हारे साथ आजकल, यूँ हर जगह रहता हूँ मैं
हद से ज्यादा सोचू तुम्हें, बस यहीं सोचता हूँ मैं

पता नहीं हमारे दरमियान, यह कौनसा रिश्ता है
लगता है के सालों पुराना, अधूरा कोई किस्सा है

तुम्हारी तस्वीरों में मुझे, अपना साया दिखता है
महसूस करता है जो यह मन, वहीं तो लिखता है

तुम्हारी आवाज़ सुनने को, हर पल बेक़रार रहता हूँ
नहीं करूँगा याद तुम्हें मैं, खुद से हर बार कहता हूँ

नाराज़ ना होना कभी, बस यहीं एक गुज़ारिश है
महकी हुई इन साँसों की, साँसों से सिफ़ारिश है

बदल जाएं चाहे सारा जग, पर ना बदलना तुम कभी
ख़्वाबों के खुशनुमा शहर में, मिलने आना तुम कभी ।

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Nakaam si kosish Sad Love kavita in Hindi

Jis baat se wo meri ruth gaye
Uss baat ko bhulane ki nakaam si koshish kar raha hu.

Umeedo ki tuti imarat per ab,
Naya aashiya banane ki ek ajib si koshish kar rha hu.

Wafaa k badle mili sirf bewafai,
Ab ussi ko lautaane ki befizul si koshish kar raha hu.

Dil se behisaab chaha tha jise,
Ussi se gamon ka sauda karne ki koshish kar rha hu.

Ghavo se bhari lambi raaton ko,
Ugte suraj ki garmi me badalne ki koshish kar rha hu.

Bikhar gayee jo the sapne mere,
Un sapno ko phir se sajoone ki koshish kar raha hu.

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Dil Par Tera Saya Hindi kavita on Zindagi

Ye kaisa saya mere dil par hai chaya
Jise dekha bi nhi or mehsus hua bhi nhi

Ajeb sa naata jo tujhse jodna hai chaha
Rishta tuta bhi nhi or tu mila bhi nhi

Bedakhal bhi tujhe karu to karu kaise
Tera kabja bhi nhi or koi vaada bhi nhi

Zindagi tera bhi vishwas kaise karu
Tune kuch liya bhi nhi to diya bhi nhi

Guzar rahi hai zindagi meri kuch is trah
Manzil mili bhi nhi to rasta bacha bhi nhi

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