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दोस्ती में गुस्से में भी प्यार

दोस्ती….
कभी-कभी तू मुझमे उलझ-सी जाती है
कभी – कभी तू गुस्सा हो जाती है
पर तुझमे उलझ कर ही तो….
मैं सुलझी हू तेरे गुस्से मे भी प्यार है
ऐ! दोस्त तेरे ऐसे एहसानो की भरमार है
तभी तो मेरे जीवन मे खुशीयो की बहार है।

 

– Anjali Kachhwaha

 

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दोस्ती निभाने की सजा

गैरों के चेहरों पर भी मुस्कान सजाई थी हमने
पर यहाँ तो नजर तक लग जाती हैं ज़माने की
क्या बताऊँ तुझे हाल-ए-दिल अपने ए-दोस्त..
यहाँ सजाये मिलती हैं दोस्ती दिल से निभाने की

~ ख्वाइश

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आज कोई दोस्त पुराना याद आता है

वो तराना याद आता वो फसाना याद आता है।
दोस्त तेरे साथ बिताया हर जमाना याद आता है।

मिलकर वो घंटो तक बतियाना याद आता है।
तेरा बात- बात इतराना याद आता है ।

तेरे साथ वो पाक॔ मे टहलना याद आता है।
मुझको बात-बात पर हंसाना याद आता है।

दोस्त वो गुजरा जमाना याद आता है।
आज कोई दोस्त पुराना याद आता है।

 

~ नीलम

 

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Dost tujhe kabhi rone na denge

आजमा कर देखना कभी,
तुम्हे निराश ना होने देंगे

कर देंगे अपनी हर ख़ुशी कुर्बान,
पर तेरी मुस्कराहट ना खोने देंगे

कैसे कह दू की तुम मेरी ज़िंदगीं नहीं हो
तेरे लिए दुनिया को रुला देंगे यार,
पर तुम्हे कभी ना रोने देंगे

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Kismat se mile dosto par kuch lines

काँटों को चुभना सिखाया नहीं जाता
फूलों को खिलना सिखाया नहीं जाता
कोई बन जाता हैं, यूँ ही दोस्त अपना
किसी को अपना बनाया नहीं जाता

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Kuch dost bahut khas hote hai zindagi me

वक़्त फिसलता रहा रेत की तरह,
हम बस उन्हें संभालना भूल गए
कुछ दोस्त बहुत खास होते हैं ज़िन्दगी में
हम बस उन्हें एहसास दिलाना भूल गए

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