1 तुम्हारे बदन से वो मोहब्बत की खूश्बू आती नहीं Posted on January 19, 2020 by techi तुम क़रीब हो मगर फ़िर भी तुम्हारे बदन से वो मोहब्बत की खूश्बू आती नहीं। इन हवाओं का रूख भी बदल रहा है, लगता है तुम्हें अब सोहबत मेरी भाती नहीं। ~ नीरज कुमार Share This Related posts: इतनी भी समझदारी अच्छी नहीं Matlab se bhari es duniya me kaise kaise log मोहब्बत में बेईमानी शायरी दिल मे आखिर क्या है तुम्हारे मोहब्बत हाथ की चूडी की तरह कैसे जीऊ मैं खुशहाल ज़िन्दगी | एक और अधूरी मोहब्बत मोहब्बत और दोस्ती
Nice beautiful thought.
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