0मोहब्बत में बेईमानी शायरी Posted on May 29, 2020 by admin थी मोहब्बत हमे उनसे इतनी, ना जाने क्या कमी पड़ गयी, वो चली गयी ये बोलकर हमसे, तेरी मोहब्बत में बेईमानी भर गयी~ शाकिब खानShare ThisRelated posts:वो मोहब्बत ही क्या जिसके काबिल ना बन सके राह में उनसे पहली मुलाकात की शायरी मोहब्बत के सारे वादे उसके फर्जी टूट कर बाहो में बिखर जाने दो शमा और परवाने की इश्क़ मोहब्बत शायरी तुम्हारे बदन से वो मोहब्बत की खूश्बू आती नहीं मोहब्बत हाथ की चूडी की तरह