2गर नजरो ने तेरी यूँ गिराया ना होता Posted on March 31, 2018 by techiज़ख्मो पे मरहम कभी लगाया तो होता मेरे आंसुओ के लिए दामन बिछाया तो होताबदनामियों के बोझ से जब गर्दन झुक गयी कन्धा अपना तुमने बढ़ाया तो होतागिर गिर के संभल जाते फिर गिरने के लिए अगर नजरो ने तेरी यूँ गिराया ना होताShare ThisRelated posts:सिर्फ चाह लेने से कोई अपना नहीं होता गम का बादल और तेरी याद, तेरी मुलाकात तेरी आँखों में नहीं, तेरी रूह में बस्ता हूँ यूँ तूने हमको अगर रुलाया ना होता तेरी यादो ने कितना रुलाया अगर बस में मेरे होता अब दिल को दर्द भी नहीं होता
Thanks
Superb