किसी को पा कर भी दूर रहना हमसे पूछो,
क्या होती हैं किस्मत में रुकावट हमसे पूछो,
यहाँ कहने को तो सब कुछ अपना हैं लेकिन,
आखरी मुलाक़ात के बाद भी उसका याद आना हमसे पूछो
~ रवि भल्ला
शायर सी मेरी पहचान कहाँ हैं
किराये का मेरा मकान कहाँ हैं
जान दे दे यहाँ किसी के लिए
अब इतनी किसी में जान कहाँ हैं
दिल से बेघर हुए लापता भी हुए
कौन जाने मेरे अरमान कहाँ हैं
सिर्फ सुनते रहे जो बेगम की हम
आज ढूढ़ा किये खानदान कहाँ हैं
पुजारी ने थाने में लिखाये रिपोर्ट
मंदिर का मेरे भगवान कहाँ हैं
~ साजिद घायल