प्यार की थपकी देकर सुलाया है,
जब रोऊ छुप-छुप कर तूने गले लगाया है,
किसी की बुरी नजर का डर नहीं मुझे,
क्योंकि जब भी देखा तो सर पर तेरा हाथ पाया है।।
~ Pramod Kumar
कहीं अंधेरा, कहीं उजाला
कहीं धुप, कहीं छांव हैं।
कहीं अमीरी तो कहीं नंगे पांव हैं।
इस सृष्टि का खेल अनजाना,
कहीं रूठना तो कहीं मनाना,
कहीं हँसना तो कहीं हंसाना।
चली आ रही सदा से ये रीत,
कहीं शिक्षा सही तो कहीं गलत सीख।
खुशियाँ हैं अपार कहीं,
तो कहीं गमों की झार हैं।
यही तो संसार हैं,
यही तो संसार हैं।
~ Yograj Jangir Bagora