0तुम हमसे इश्क़ कर बैठे हो Posted on June 12, 2021 by techiतुम ख़ामोशी की जुबां समझ लेते हो, हमारी शाम को तुम सवार देते हो तुम चाहे गुजारिश ना करो इस बात की, हमे भी एतियात हैं तुम हमसे इश्क़ कर बैठे हो ~ शहज़ाद Share ThisRelated posts:इज़हार -ए- इश्क़ कविता हिंदी में टूट कर बाहो में बिखर जाने दो इबादत है इश्क़ इश्क़ मै जली हो क्या इश्क़ करने से पुरे शहर में बदनाम हो गया शमा और परवाने की इश्क़ मोहब्बत शायरी इश्क़ का मुज़रिम, दिल की अदालत