पर तुम्हारी याद बहुत आयी
पर तुम्हारी याद बहुत आयी
बीते हुए लम्हो के साथ फिर लौट आयी
पर तुम्हारी याद बहुत आयी
किताबों से भी निकल कर आयी
कभी खामोसी के साथ आयी
पर तुम्हारी याद बहुत आयी
कभी आँखों में आंसू बनकर आयी
तो कभी छू लेती मेरे दिल की गहरायी
पर तुम्हारी याद बहुत आयी
~ मनीषा सोलंकी