हलकी हलकी जल की बूंदे, जब लेकर आते है बादल
मन मसोस कर रह जाती हूूँ, बह जाता है मेरा काजल
कैसे है ये बैरी बादल, पूछ रहा है ये मेरा आँचल..
आसमान भी कह रहा है, ये निर्मोही है काले बादल
कड़कड़ाहट आवाज़ से, प्रेमियों को कर देता है पागल
काली घटा जब छट जायेगी, जब समझेगे ये बादल
हमारी इल्तिज़ा है तुमसे, जरा रूक कर बरसों बादल
प्रेमी जब मेरा आ जाए, फिर जम कर बरसों बादल
~ Feeling Love
कितना बेबस है इंसान किस्मत के आगे,कितना दूर है ख्वाब हकीकत के आगे,कोई रुकी हुई सी धड़कन से पूछे,कितना तड़पता है यह दिल मोहब्बत के आगे।
Very nice
मैंने रब से कहा वो छोड़ के चली गई,पता नहीं उसकी क्या मजबूरी थी,रब ने कहा इसमें उसका कोई कसूर नहीं,यह कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी।
Rudra R..
वाह बहुत खूब।