0यह जीवन है क्षण भंगुर Posted on June 7, 2021 by techiजब जान लिया कि यह जीवन है क्षण भंगुर फिर हे मनुष्य है तुझे किस बात का गुरूर उठो! खंडित कर दो ऐसे विचार संकीर्ण दिल के पिंजरे से कर दो मोहब्बत को विकीर्ण ~ Himanshi Nigam Share ThisRelated posts:मां के बिना कैसी जीवन की डगर यह लॉकडाउन नहीं जीवन रक्षक मंत्र है जीतने के लिए मेहनत करनी पड़ती है मोहब्बत में बेईमानी शायरी जीवन की सच्ची सीख सपने जीवन में अनमोल होते हैं गांव का जीवन, गांव के नज़ारे