0तुम जहां जाओ महफ़िलें लूट ल़ो Posted on February 8, 2021 by techiगुलाब की तरह ख़ुशमिज़ाज रहो। चमकते-दमकते आफ़ताब रहो। तुम जहां जाओ महफ़िलें लूट ल़ो। सभी के ज़िगर में सरताज़ रहो। ~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’ Share ThisRelated posts:100% true lines on paisa, rishte ज़िंदगी का सार हो तुम मां फ़ंसा आदमी माया में प्रेरणादायक शायरी अनुभव पर कोरोना महामारी का बुरा दौर थम जाएगा प्यार भी है और तकरार भी दरकार शोहरत और दौलत की