0 मेरे अपनों पर शायरी Posted on December 28, 2020 by techi चला जो मैं अपनों के खिलाफ, तो उनके एहसान बीच में आ गए और की जो कुछ ख्वाइश मैंने, अपनों के अरमान बीच में आ गए सच – झूठ को जो तोल के देखा, तो सोचा की सच का साथ दू, पर मेरे अपनों के झूठ को बचाने, भगवान (संस्कार) बीच में आ गए ~ Atul sharma Share This Related posts: कहर कोरोना, विनती मेरे मालिक तुम मेहर करो ना गिराया जिसे अपनों ने अगर बस में मेरे होता वो पास होकर भी मेरे पास नहीं अपनों ने ही किया क़त्ल मेरी इच्छाओं का एक शख्श मेरे दिल में उतर गया Good Morning Msg in Hindi for Friends