सपने भी देखे, और उन्हें सजाएं भी,
अपने भी देखे, और उनको अपना बनाएं भी।
सब दर्द पाल के, हसना सिखाया,
झुटे भी देखे और झुटलाए भी।
खेल सारा चमक धमक का था,
पैसे भी देखे और लुटाएं भी।
सब ने अपनी कहीं, रिश्ते नए बनाए,
धोखा हमे मिला, बादाम हमने खाए भी।
~ Vishal Gaikwad