0जीवन रूपी सदी है मां Posted on June 26, 2021 by techiकलकल बहती नदी है मां जीवन रूपी सदी है मां पोंछती है आंसू छुपकर पर कुछ नहीं कहती है मां~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’ Share ThisRelated posts:सपने जीवन में अनमोल होते हैं जीवन की सच्ची सीख दिल को छूने वाली लाइन्स घर के बड़े और बुज़ुर्गों पर गांव का जीवन, गांव के नज़ारे यह लॉकडाउन नहीं जीवन रक्षक मंत्र है मां, भगवान का अवतार फ़ंसा आदमी माया में