0 गांव का जीवन, गांव के नज़ारे Posted on June 4, 2021 by techi गांव के बाजारों में भी, खूब नज़ारे होते थे। चाट पकौड़ी और बताशों के चटकारे होते थे। नीम और बरगद की छाया में बैठा करते थे। खुशियों के पल आपस में वारे न्यारे होते थे। ~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’ Share This Related posts: सपने जीवन में अनमोल होते हैं गर्दिश में सितारे दिल को छूने वाली लाइन्स घर के बड़े और बुज़ुर्गों पर जीवन की सच्ची सीख आंसू दुःख के हैं और खुशियों के परिवार का साथ, खु़शियों का सुंदर संसार सफ़लता में खनक