0चंचल मन मेरा Posted on February 7, 2021 by adminमन के अंदर झांक रहा है मन मेरा। मन की भाषा बोल रहा है मन मेरा। मन भावों का एक समुंदर होता है। मन चंचल है घूम रहा है मन मेरा..। ~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’ Share ThisRelated posts:मां के आशीर्वाद का अहसास झूठी शानोशौकत और दिखावा करने वालो पर 4 पंक्तिया तेरा मुस्कराना गज़ब ढा गया मैं हिन्दुस्तान का हूँ और हिन्दुस्तान मेरा है। तेरा साथ पाकर मेरा हर लम्हा खूबसूरत Special Karva Chauth Shayari for Husband from Wife बहुत रोता हैं ये दिल मेरा