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Bachpan ka ek sapna, jo kabhi pura nahi hua

Bachpan ka adhura sapna Hindi Poetry

 

बचपन का एक सपना,
जो कभी पूरा नहीं हुआ

 

यार लेनी थी एक रिमोट वाली कार,
जिसके लिए बहुत सुनी फटकार,
और कहा गया की
ज़िद्द करना नहीं है एक अच्छा संस्कार,

 

फिर दिन निकले हम बढ़ते गए,
पुरानी बाते भूलते गए,
छोटी छोटी इन बातों से,
हम थोड़ा थोड़ा सीखते गए,

 

फिर ज़िद्द करना ही छोड़ दिया,
अपनी ही दुनिया बुनते गए
और ऐसे ही धीरे धीरे
हम अच्छा बच्चा बनते गए

 

बचपन का एक सपना,
जो कभी पूरा नहीं हुआ

 

~ अतुल शर्मा

 

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