दोस्त कुछ ही चाहिए, आगे तक साथ निभाने को।
अनगिनत न सही गिनती के, पर सुन सके अनकहे भावों को।
भीड़ है बहुत यहाँ .. सब अपने राग में मग्न हैं।
तुमसे ही विश्व बना है… तुमसे ही विश्व बना है…
अपने राग को छोड़ कर अब इस राग पर आना है।
अपने आप को सुरक्षित रख कर दूसरों को जिताना है..
कोरोना मुक्त विश्व बनाना है।
अब तक कितने अपनो को खोया? अब किसका इंतज़ार है?
अब और नहीं जाने देना जानें आओ ऐसी दोस्ती निभायें,
हम भी जीतें… और दूसरों को भी जितायें।
आओ सब मिलकर इसे अपनी आवाज़ बनाएं..
~ Urvashi soni