0 ज़िंदगी तो चार दिन की Posted on December 3, 2020 by techi फूलों की तरह हमें सदा खिलना चाहिए, प्रेमभाव से हमेशा हमें मिलना चाहिए। ज़िंदगी तो चार दिन की जी भर जिएं, निःस्वार्थ भाव से परमार्थ करना चाहिए। ~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’ Share This Related posts: ज़िंदगी जीने का नया ढ़ंग होना चाहिए जिंदगी अब बदल गई ज़िंदगी का कारवां यूं ही चलता गया ज़िंदगी का सार हो तुम मां जिंदगी में कील, Motivational Status निःस्वार्थ प्रेम और सच्चे रिश्तों का सिलसिला तुम्हीं मेरी ज़िंदगी हो ऐ प्रियतम